लद्दाख के कथित पर्यावरण कार्यकर्ता सोमन वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980 के तहत हुई कार्रवाई को लेकर मंगलवार (14 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट में एक नया मोड़ आया। लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि, “सोमन वांगचुक ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं जो राज्य की सुरक्षा, लोक-व्यवस्था तथा समुदाय की आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक हैं।”
यह हलफनामा न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और एन. वी. अंजनिया की पीठ के समक्ष दाखिल किया गया। यह जवाब वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका के संदर्भ में दिया गया है, जिसमें उन्होंने अपने पति की NSA के तहत हुई हिरासत को चुनौती दी है। डीएम ने कहा, “मैंने कानून के तहत प्रस्तुत सभी सामग्रियों का विधिवत परीक्षण करने के बाद ही गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था। परिस्थितियों का गहन मूल्यांकन कर मैंने यह संतुष्टि प्राप्त की कि वांगचुक की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न कर रही थीं।”
हलफनामे में आगे कहा गया है, “वांगचुक राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था और समुदाय की आवश्यक सेवाओं के प्रतिकूल गतिविधियों में लिप्त थे। मैं उनकी गिरफ्तारी को लेकर पहले भी संतुष्ट था और अब भी हूं।”
डीएम ने यह भी बताया कि 26 सितंबर 2025 को जब सोमन वांगचुक को हिरासत में लिया गया, तो उन्हें स्पष्ट रूप से सूचित किया गया था कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत की जा रही है, और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल (राजस्थान) में स्थानांतरित किया जा रहा है।
संविधान के अनुच्छेद 22 और एनएसए की धारा 8 के तहत गिरफ्तारी के कारणों की सूचना देने से जुड़ी प्रक्रिया पर डीएम ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 22 और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत निर्धारित सभी प्रक्रिया-संबंधी सुरक्षा उपायों का पूर्ण रूप से पालन किया गया है।”
गौरतलब है कि सोमन वांगचुक लद्दाख में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय स्वशासन और जलवायु अनुकूल विकास के मुद्दों पर लंबे समय से सक्रिय हैं। उनके अनशन ने लद्दाख में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी, लदाख में राजकीय हिंसा भड़क उठी, भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में आगजनी की गई और दंगों की हालत में 4 लोगों की मौत हुई। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें:
IREDA का तिमाही मुनाफा 41% बढ़कर ₹549 करोड़ पर, लोन बुक ₹84,477 करोड़ तक पहुंची!
