अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने हिंदू पत्नी उषा को ‘क्रिश्चियनिटी अपनाने’ की जताई इच्छा

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने हिंदू पत्नी उषा को ‘क्रिश्चियनिटी अपनाने’ की जताई इच्छा

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस (JD Vance) अपने एक बयान को लेकर राजनीतिक तूफान के केंद्र में हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी हिंदू पत्नी उषा वांस (Usha Vance) एक दिन ईसाई धर्म अपना लें, जिससे उनके राजनीतिक करियर की अब तक की सबसे बड़ी विवादों में से एक शुरू हो गई है।

वांस ने यह टिप्पणी टर्निंग पॉइंट यूएसए (Turning Point USA) के एक कार्यक्रम में की, जहाँ उनसे एक भारतीय मूल के छात्र ने सवाल पूछा,“आप अपने बच्चों को कैसे सिखाते हैं कि वे अपनी मां के धर्म के आगे आपका धर्म न रखें?”

इस पर जवाब देते हुए वांस, जो पहले ईवेंजेलिकल प्रोटेस्टेंट थे और 2019 में कैथोलिक धर्म अपनाया था, ने कहा, “जब मैं अपने विश्वास से दोबारा जुड़ने लगा, तो उषा ने बहुत समर्थन किया। अधिकांश रविवार को उषा मेरे साथ चर्च आती हैं। क्या मैं चाहता हूं कि एक दिन वह भी चर्च में वही महसूस करें जो मैंने किया? हाँ, ईमानदारी से कहूं तो मैं यह चाहता हूँ, क्योंकि मैं ईसाई उपदेशों में विश्वास रखता हूँ और चाहता हूँ कि मेरी पत्नी भी उसे वैसे ही देखे।” हालाँकि उन्होंने बाद में जोड़ा, “अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो ईश्वर ने सबको स्वतंत्र इच्छा दी है, इसलिए यह मेरे लिए कोई समस्या नहीं है।”

लेकिन जेडी वांस की यह सौम्य टिप्पणी भी जल्द ही हिंदू-फोबिया और अमेरिकी पाखंड को उजागर करती है। सोशल मीडिया पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग वांस की आलोचना कर रहें है कि उन्होंने अपनी पत्नी की पहचान और धर्म का राजनीतिक लाभ के लिए अपमान किया। पूर्व भारतीय विदेश सचिव कन्वन सिब्बल ने तीखा हमला करते हुए कहा, “वह अपनी पत्नी की हिंदू पहचान स्वीकार करने से डरते हैं। धार्मिक स्वतंत्रता की बात करने वाले अमेरिका को पहले अपने घर में यह स्वतंत्रता दिखानी चाहिए।”

टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ दीप बारोट ने ट्वीट किया, “उन्होंने वेदिक हिंदू शादी की थी, उनके एक बेटे का नाम विवेक है, फिर भी वे अपनी पत्नी को ईसाई बनाने की बात कर रहे हैं। यह पाखंड नहीं तो और क्या?”

यह विवाद ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में भारत-विरोधी माहौल और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति तेज़ हो रही है। वांस के इस बयान को MAGA क्रिश्चियन नेशनलिज़्म को खुश करने की कोशिश माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वांस की नज़र पहले से ही 2028 के राष्ट्रपति चुनाव पर है, जहाँ उन्हें रिपब्लिकन पार्टी का संभावित चेहरा माना जा रहा है।

विवाद के बीच कुछ मीडिया रिपोर्टों ने यह तक दावा किया कि वांस और उनकी पत्नी के बीच तनाव और तलाक की अफवाहें फैल रही हैं। सोशल मीडिया पर वांस की एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें वे एरिका कर्क (चार्ली कर्क की पत्नी) को गले लगाते दिखे, जिससे नई अटकलें तेज़ हो गईं।

हालाँकि, उषा बाला चिलुकुरी वांस तेलुगु हिंदू परिवार से हैं और एक प्रसिद्ध वकील हैं, उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह ईसाई धर्म अपनाने का कोई इरादा नहीं रखतीं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मेरी हिंदू परवरिश ने मुझे और मेरे माता-पिता को अच्छे इंसान बनने में मदद की। हमारे बच्चे हिंदू और ईसाई दोनों परंपराओं से परिचित हैं। हम उन्हें दोनों धर्मों की किताबें पढ़ाते हैं।”

वांस पहले अपनी आत्मकथा ‘हिलबिली एलिजी’ में लिख चुके हैं कि उषा ने उन्हें कठिन बचपन और पारिवारिक संकट से उबरने में मदद की थी। लेकिन अब, आलोचकों का कहना है कि उन्होंने राजनीतिक लोकप्रियता के लिए अपनी ही पत्नी की आस्था अपमान किया है।

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