अमेरिकी किसानों की शिकायतों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिया है कि उनकी सरकार भारतीय चावल सहित कई कृषि उत्पादों पर नए टैरिफ़ लगाने पर विचार कर रही है। किसानों ने आरोप लगाया है कि भारत, थाईलैंड और चीन जैसे देश सब्सिडी वाले सस्ते चावल अमेरिकी बाजार में उतारकर स्थानीय कीमतें गिरा रहे हैं और अमेरिकी उत्पादकों को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस में आयोजित एक गोलमेज बैठक के दौरान ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका सस्ते आयातित चावल की डंपिंग के आरोपों की जांच करेगा। बैठक का उद्देश्य अमेरिकी किसानों के लिए 12 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा भी था।
बैठक में उपस्थित कई किसानों ने मांग की कि विदेशों से आने वाले सस्ते चावल और उर्वरकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
लुइसियाना स्थित कैनेडी राइस मिल की CEO मेरिल कैनेडी ने ट्रम्प को बताया कि भारत, थाईलैंड और चीन इसके सबसे बड़े दोषी हैं। उन्होंने कहा कि चीनी चावल की बड़ी खेपें प्यूर्टो रिको भेजी जा रही हैं, जिससे अमेरिकी बाज़ार प्रभावित हो रहा है।
कैनेडी ने कहा, “शुल्क दरें काम कर रही हैं, लेकिन हमें इन्हें दोगुना करने की जरूरत है।” “आप और अधिक चाहते हैं?” ट्रम्प ने अविश्वास से पूछा। जैसे ही कैनेडी ने यह बताना शुरू किया कि भारत कैसे गैरकानूनी सब्सिडी के ज़रिए अपने चावल उद्योग को बढ़ावा दे सकता है, ट्रंप ने उनकी बात पूरी होने से पहले ही बीच में टोक दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “अगर आप बता सकते हैं तो मुझे देश बताइए? बताइए। भारत, और कौन? लिख लीजिए, स्कॉट।” ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने भारत, थाईलैंड और चीन को मुख्य देशों के रूप में दर्ज किया और कहा कि पूरी सूची भी जल्द उपलब्ध कराई जा सकती है।
ट्रम्प ने संकेत दिया कि कनाडाई खाद पर भी भारी शुल्क लगाया जा सकता है ताकि स्थानीय अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन जल्द ही इस मुद्दे का समाधान करेगा और टैरिफ़ लगाने पर तैयार है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और कनाडा दोनों ही अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों को स्थिर करने के लिए समझौते चाहते हैं, लेकिन हाल के महीनों में बातचीत में खास प्रगति नहीं हुई है। अगस्त में ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 50% टैरिफ़ लगाए थे, यह कहते हुए कि भारत अनुचित व्यापार बाधाएं खड़ी कर रहा है और रूसी तेल की खरीद जारी रखे हुए है।
दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) कार्यालय की डिप्टी USTR रिक स्विट्ज़र की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 10 और 11 दिसंबर को भारत आएगा। दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत की ओर से वार्ता का नेतृत्व वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल करेंगे। अग्रवाल ने हाल ही में FICCI की AGM में कहा था कि वे बहुत आशावादी हैं और उम्मीद है कि BTA का पहला चरण साल के अंत तक पूरा किया जा सकता है।
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