भारत की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता, रूस से तेल खरीद जारी: हरदीप सिंह पुरी

वैश्विक बाजार में तेल की कीमत $65–68 प्रति बैरल के बीच रहने की संभावना है और भारत की क्रूड आयात नीति का उद्देश्य स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा लागत को किफायती बनाए रखना है।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता, रूस से तेल खरीद जारी: हरदीप सिंह पुरी

India Prioritizes Energy Security, Continues Oil Imports from Russia: Hardeep Singh Puri

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार (26 सितंबर) को स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा जरूरतों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और देश रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रूस से तेल खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और यदि किसी समय आपूर्ति बाधित होती है तो वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

पुरी ने वरिष्ठ आर्थिक संपादकों से बातचीत में बताया कि IOC, HPCL और BPCL जैसे सरकारी तेल विपणन कंपनियां अपनी व्यावसायिक स्वतंत्रता के तहत कच्चा तेल खरीदती हैं, और सरकार उनके निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपने ऊर्जा पोर्टफोलियो को विविध बनाने के लिए कम कीमत पर कच्चे तेल की खरीद सुनिश्चित की है।

पुरी ने कहा कि वैश्विक बाजार में तेल की कीमत $65–68 प्रति बैरल के बीच रहने की संभावना है और भारत की क्रूड आयात नीति का उद्देश्य स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा लागत को किफायती बनाए रखना है। उन्होंने इरान और वेनेजुएला का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का पालन करता आया है और जिम्मेदार वैश्विक सदस्य के रूप में अपनी नीतियों को संतुलित रखता है।

अंडमान सागर में ऊर्जा संभावनाएं

पुरी ने अंडमान सागर में भी ऊर्जा संभावनाओं पर चर्चा की। श्री विजयपुरम 2 कुएँ में प्राकृतिक गैस का पता चला है, जो तटीय क्षेत्र से 17 किलोमीटर दूर और 295 मीटर की गहराई पर स्थित है। शुरुआती उत्पादन परीक्षण में गैस में 87 प्रतिशत मीथेन पाया गया। उन्होंने कहा कि इस खोज की व्यावसायिक व्यवहार्यता आने वाले महीनों में प्रमाणित होगी और यह अंडमान बेसिन की ऊर्जा संभावनाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित डीपवॉटर मिशन के तहत भारत अपतटीय हाइड्रोकार्बन भंडारों की खोज और पूर्ण उपयोग के लिए कई गहरे पानी के कुओं की योजना बना रहा है। पुरी ने कहा कि वैश्विक गहरे पानी के अन्वेषण विशेषज्ञों के सहयोग से भारत अपनी अन्वेषण महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाएगा और यह कदम अमृत काल में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

पुरी ने कहा कि भारत अब केवल उपभोक्ता बाजार नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपस्ट्रीम प्रोजेक्ट्स का कार्यान्वयन केंद्र बन रहा है। 2025–2035 के बीच भारत में 2,000 से अधिक अन्वेषण कुओं, बड़े पैमाने पर EOR और गहरे पानी की परियोजनाएं शुरू होंगी, जिससे 100 बिलियन डॉलर के बाजार का निर्माण होगा। इसमें रिग्स, सबसी, EPC, डिजिटल और पर्यावरणीय सेवाओं के अवसर शामिल होंगे।

पुरी के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र में भारत की रणनीति में सुरक्षा, क्षमता और अवसर को प्राथमिकता दी जा रही है। उनका कहना है कि आज की नीतियां 2050 में 9.7 अरब लोगों के लिए ऊर्जा भविष्य को न्यायसंगत, समान और टिकाऊ बनाने में मदद करेंगी।

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