चक्रवात ‘दित्वा’ से उत्पन्न भीषण बाढ़ और भूस्खलनों के बीच भारत ने श्रीलंका के लिए अपनी मानवीय सहायता और तेज कर दी है। भारतीय उच्चायोग के अनुसार, एक मोबाइल फील्ड हॉस्पिटल और 70 से अधिक चिकित्सा कर्मियों की टीम श्रीलंका पहुंच चुकी है, ताकि आपदा-ग्रस्त इलाकों में त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
श्रीलंका में 16 नवंबर से भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलनों ने तबाही मचा रखी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 465 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 366 लोग अब भी लापता हैं। कई जिले अब भी कटे हुए हैं, जहां पहुंचना मुश्किल बना हुआ है और देश की आपदा-प्रबंधन क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है।
भारतीय उच्चायोग ने बताया कि भारतीय वायु सेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान ने मंगलवार (2 दिसंबर)शाम को आगरा से पैरा फील्ड हॉस्पिटल और आवश्यक उपकरणों के साथ 73 चिकित्सा विशेषज्ञों को कोलंबो पहुंचाया। इनका उद्देश्य गंभीर चोटिल, घायल और बीमार लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।
इसके अलावा, IAF की Mi-17 हेलिकॉप्टर यूनिट लगातार उड़ानें संचालित कर रही हैं, जिनके माध्यम से 8 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाई गई। 65 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें विदेशी नागरिक, गंभीर रूप से बीमार मरीज और एक गर्भवती महिला शामिल हैं।
भारतीय बचाव टीमें कई स्थानों पर दिन-रात अभियान चला रही हैं। बदुल्ला में मंगलवार को NDRF ने एक अत्यंत कठिन ऑपरेशन में मलबे की कई परतों के नीचे से एक और शव बरामद किया। वहीं, कोलंबो के पास सेडावट्टा और नडिगामा क्षेत्रों में NDRF अब तक 43 से अधिक लोगों को बचा चुकी है, जहां पानी की गहराई 8 से 10 फीट तक दर्ज की जा रही है।
भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत सबसे पहले कमजोर और फंसे हुए लोगों की निकासी की जा रही है। यह व्यापक मानवीय सहायता कार्यक्रम श्रीलंका को चक्रवात ‘दित्वा’ से हुई व्यापक क्षति से उबारने के लिए चलाया जा रहा है। उच्चायोग ने कहा कि भारतीय टीमें “दृढ़ संकल्प और करुणा” के साथ राहत कार्य जारी रखे हुए हैं, और हर संभव सहायता श्रीलंका तक पहुंचाई जा रही है।



