पाकिस्तान गाज़ा भेजेगा 20,000 सैनिक; मुनीर की गुप्त डील का खुलासा!

अमेरिका और इज़राइल ने पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज और वित्तीय राहत का प्रस्ताव दिया है, जिसमें विश्व बैंक कर्ज़ में ढील, पुनर्भुगतान स्थगन, और ग़ल्फ़ देशों के ज़रिए आर्थिक सहायता शामिल है।

पाकिस्तान गाज़ा भेजेगा 20,000 सैनिक; मुनीर की गुप्त डील का खुलासा!

pakistan-sends-20000-troops-to-gaza-secret-deal-revealed

पाकिस्तान गाज़ा पट्टी में लगभग 20,000 सैनिकों की तैनाती की तैयारी कर रहा है। कथित तौर पर एक गुप्त त्रिपक्षीय समझौते के तहत पाकिस्तान यह कदम उठाने जा रहा है, जिसे पाकिस्तान के फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) और इज़राइल की मोसाद (Mossad) के साथ मिलकर तैयार किया है। यह दावा सीएनएन-न्यूज़18 की रिपोर्ट में शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की यह तैनाती अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilisation Force – ISF) का हिस्सा होगी, जो गाज़ा में युद्ध के बाद की स्थिति को संभालने और क्षेत्र में स्थायित्व और पुनर्निर्माण के लिए बनाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम पश्चिम एशिया में ऐतिहासिक पुनर्संरचना के लिए उठाया गया है और पाकिस्तान के लिए इज़राइल के साथ पहला प्रत्यक्ष सैन्य सामना होगा।

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि गाज़ा में पाकिस्तानी सैनिकों का मुख्य मिशन होगा हामास के बचे हुए तत्वों को निष्क्रिय करना और पश्चिमी निर्देशों के तहत क्षेत्र को स्थिर करना। आधिकारिक रूप से इसे मानवीय पुनर्वास और पुनर्निर्माण अभियान कहा जा रहा है, लेकिन वास्तविक उद्देश्य हामास के प्रभाव को समाप्त कर एक बफर ज़ोन तैयार करना बताया गया है, जिससे इज़राइल और फ़िलिस्तीनी सशस्त्र गुटों के बीच सुरक्षा दीवार बनाई जा सके। सूत्रों ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों के साथ इंडोनेशिया और अज़रबैजान की सैन्य टुकड़ियाँ भी इस बल का हिस्सा होंगी।

यह पूरा ऑपरेशन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-पॉइंट्स की गाज़ा योजना के तहत चलाया जाएगा। योजना के मुताबिक, हामास को निशस्त्र करने के बाद गाज़ा का प्रशासन फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) को सौंपा जाएगा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने हाल ही में कहा था कि “ISF बल का मुख्य काम गाज़ा को हामास से मुक्त कर स्थायी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करना होगा।”

रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते के तहत अमेरिका और इज़राइल ने पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज और वित्तीय राहत का प्रस्ताव दिया है, जिसमें विश्व बैंक कर्ज़ में ढील, पुनर्भुगतान स्थगन, और ग़ल्फ़ देशों के ज़रिए आर्थिक सहायता शामिल है। इस तैनाती का सबसे बड़ा विरोध ईरान, तुर्की और क़तर की ओर से आने की संभावना है। तीनों देश हामास के राजनीतिक और सैन्य समर्थक माने जाते हैं और वे इसे इज़राइल समर्थक गठबंधन का हिस्सा मान रहें हैं।

पाकिस्तान अब तक इज़राइल को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देता, इसलिए यह विकास दोनों देशों के संबंधों में सबसे बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि यह डील वास्तविकता में बदलती है, तो यह पाकिस्तान की विदेश नीति और अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव लाएगी।

यह भी पढ़ें:

साइक्लोन ‘मोंथा’ क्या है? जानिए इस नाम का मतलब, उद्गम और इसे क्यों चुना गया!

मनमोहन सिंह सरकार के दौर में ‘कोलगेट’ घोटाले पर सीएजी को दबाने की कोशिश

सचिन सांघवी यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता के वकील का बयान!

Exit mobile version