ट्रंप का बड़ा ऐलान: अगली ‘बहुत बड़ी डील’ भारत के साथ होगी !

इससे पहले इसी महीने यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने भी संकेत दिया था कि भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द फाइनल हो सकती है।

ट्रंप का बड़ा ऐलान: अगली ‘बहुत बड़ी डील’ भारत के साथ होगी !

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (26 जून)को अमेरिका-चीन व्यापार समझौते की घोषणा की और इसके साथ ही भारत के साथ एक “बहुत बड़ी” ट्रेड डील की ओर इशारा किया है। उन्होंने यह बयान Big Beautiful Bill कार्यक्रम में दिया, जिसमें वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला स्थिरता पर विस्तार से चर्चा हुई।

ट्रंप ने कहा, “याद रखिए कुछ महीने पहले लोग पूछते थे कि आपके पास कौन है जिससे सौदा हो सकता है? अब हमने चीन के साथ डील साइन की है। और हमारे पास एक और बड़ी डील आ रही है—शायद भारत के साथ। बहुत बड़ी डील।” हालांकि ट्रंप ने चीन डील के विवरण नहीं बताए, लेकिन व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह समझौता रेअर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ खनिजों) की आपूर्ति पर केंद्रित है, जो अमेरिका के ऑटोमोबाइल, रक्षा और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों के लिए बेहद अहम है। अमरीकी वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “हमने जिनेवा समझौते को लागू करने के लिए एक नई रूपरेखा पर सहमति बनाई है। चीन अब रेअर अर्थ की सप्लाई बहाल करेगा, और इसके बदले में अमेरिका अपने कुछ प्रतिबंध हटा सकता है।”

अपने भाषण में ट्रंप ने कहा, “भारत के साथ एक बहुत बड़ी डील आने वाली है। यह वैसी चीज़ें होंगी जो पहले कभी संभव नहीं थीं। हम भारत को भी ‘ओपन अप’ कर रहे हैं।” ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका हर देश से समझौता नहीं करेगा, “कुछ देशों को हम सिर्फ एक चिट्ठी भेजेंगे—‘धन्यवाद, अब 25-35-45% टैरिफ दो’। लेकिन कुछ के साथ हम डील करेंगे, और शायद भारत सबसे बड़ी डील में से एक होगा।”

इससे पहले इसी महीने यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने भी संकेत दिया था कि भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द फाइनल हो सकती है। उन्होंने कहा था, “हम बहुत ही अच्छी स्थिति में हैं। मुझे उम्मीद है कि निकट भविष्य में यह डील तय हो जाएगी। यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगी।”

डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने एक बार फिर चीन और भारत के साथ रणनीतिक व्यापार संतुलन की ओर कदम बढ़ाया है। जहां चीन से रेअर अर्थ की सप्लाई सुनिश्चित कर अमेरिका ने सप्लाई चेन स्थिरता की ओर बड़ा कदम उठाया है, वहीं भारत के साथ एक संभावित “बहुत बड़ी डील” भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत के साथ यह बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता कब और किन शर्तों पर होता है।

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