भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में आज अधिकांश लोग थकान, अनिद्रा और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में योग और विशेष रूप से प्राणायाम न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी वरदान साबित हो रहा है।
प्राणायाम के लाभ
प्राणायाम से दिल की धड़कन और रक्तचाप नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय पर दबाव कम होता है। यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और शरीर को अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है, जिससे हर अंग तक ऊर्जा पहुँचती है। इसके नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र मजबूत होता है, इम्यूनिटी बढ़ती है और नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, प्राणायाम ब्रोंकियल अस्थमा जैसे श्वसन रोगों में राहत पहुंचाने में सहायक है। कैंसर और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी यह सहायक पाया गया है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके प्रभावों पर और गहन शोध की आवश्यकता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
प्राणायाम करते समय पूरा ध्यान सांसों पर केंद्रित करना होता है। यह ध्यान जैसी प्रक्रिया है, जो मन को शांत करने, एकाग्रता बढ़ाने और तनाव कम करने में कारगर है। विशेषज्ञों का कहना है, “अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और कपालभाति जैसे प्राणायाम तनाव कम करने और ध्यान केंद्रित करने के लिए बेहद प्रभावी हैं।” इनसे रक्त संचार बेहतर होता है, त्वचा पर प्राकृतिक चमक आती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।
आज की व्यस्त दिनचर्या में भी यदि रोज़ाना 10–15 मिनट प्राणायाम को दिया जाए, तो जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस किए जा सकते हैं। यह हमें प्रकृति से जोड़ता है और संतुलित जीवन जीने का सरल उपाय है।
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