महाराष्ट्र लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बुरी तरह प्रभावित है। नदियों के उफान और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चेतावनी दी है कि आने वाले 48 घंटे राज्य के लिए बेहद ‘गंभीर’ होंगे। आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। सीएम ने भरोसा दिलाया कि प्रशासन हालात पर करीबी नजर रखे हुए है और निचले इलाकों से नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं।
लगातार बारिश से बाढ़ और जनजीवन ठप
लगातार बारिश ने राज्य के कई हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है। अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सिर्फ नांदेड़ में ही 290 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें चौबीसों घंटे राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
क्षेत्रवार हालात
- कोकण क्षेत्र: रायगढ़ जिले में 24 घंटे में 160 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, जिससे कुंडलिका और सवित्री नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। महाड़ और नागोठाणे में भूस्खलन से मुख्य सड़कें बंद हो गईं। सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
- पश्चिम महाराष्ट्र: कोल्हापुर में राधानगरी बांध से 11,500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद पंचगंगा नदी इस मानसून में पांचवीं बार खतरे के निशान को पार कर गई। कोल्हापुर-रत्नागिरी हाईवे भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है।
- विदर्भ और मराठवाड़ा: गढ़चिरोली के भामरागढ़ तालुका में पर्लकोटा नदी के उफान से 50 से ज्यादा गांव पूरी तरह कट गए। Washim में नदियों के उफान से खरीफ की फसलें बर्बाद हो गईं। कोडपे गांव में एक 19 वर्षीय युवक की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई।
कई बड़े जलाशय अपनी अधिकतम क्षमता पर पहुंच गए हैं। चंदोली बांध से वारणा नदी, कोयना बांध से कोयना नदी और राधानगरी बांध से भोगावती नदी में पानी छोड़ा गया है। निचले इलाकों के गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।
मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम और सक्रिय मानसून ट्रफ की वजह से यह भारी बारिश हो रही है। अगले 48 घंटे कोकण और मध्य महाराष्ट्र में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि करीब 10 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूबी हुई है। नुकसान का सर्वेक्षण बारिश रुकने के बाद ही शुरू किया जाएगा। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
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