मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर (18 अगस्त) को एक नेपाली दंपत्ति को भारतीय पहचान पत्रों के साथ पकड़ा गया। ऑस्ट्रेलिया से लौट रहे इस दंपत्ति के पास न केवल आधार और पैन कार्ड मिले, बल्कि भारतीय वोटर आईडी कार्ड भी बरामद हुए। पुलिस जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ कि वे 2014 से अब तक कई चुनावों में मतदान भी कर चुके हैं।
पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान नैन सिंह बिष्ट (61) और उनकी पत्नी पार्वतीदेवी बिष्ट (59) बताई है। दोनों नेपाल के कंचनपुर जिले के भीमदत्त नगर के बिजय टोले के रहने वाले हैं। दंपत्ति 1995 से भारत में रह रहा था और नवी मुंबई के कामोठे स्थित राज गैलेक्सी अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदकर स्थायी रूप से बस गया था। इसी दौरान उन्होंने भारतीय दस्तावेज हासिल किए, जिनमें आधार, पैन और वोटर आईडी शामिल थे।
इमिग्रेशन अधिकारी गणेश गवली ने जांच के दौरान उन्हें रोका तब मामला उजागर हुआ। अधिकारियों ने बताया, “18 अगस्त को जब वे सिंगापुर के रास्ते ऑस्ट्रेलिया से लौटे, तो उन्होंने नेपाल का पासपोर्ट और इमिग्रेशन कागजात पेश किए। लेकिन पूछताछ में उनके जवाब संदिग्ध लगे। आगे की जांच में उनके पास भारतीय दस्तावेज भी बरामद हुए।”
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दंपत्ति ने भारतीय अधिकारियों को झूठी जानकारी देकर सरकारी दस्तावेज प्राप्त किए। वे कामोठे स्थित फ्लैट में अपने एक बेटे के साथ रहते थे, जबकि दूसरा बेटा ऑस्ट्रेलिया में काम करता है। उनके वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही उन्हें नेपाल वापस भेजने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस मामले में इमिग्रेशन अधिकारी गणेश गवली की शिकायत पर सहार पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यह घटना न केवल सुरक्षा और चुनावी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे विदेशी नागरिक किस तरह भारत में संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
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