डॉ. अनंत श्रीमाली बहुत याद आये,खूब याद आये

यह एक ऐसा आयोजन था जिसमें सभागार के बाहर भीड़ खड़ी थी।यह भी कि पुष्पांजलि अर्पित करते और अपने विचार व्यक्त करते शब्द अटक रहे थे और वक्ता सिर्फ हाथ जोड़कर अपनी कुर्सी पर बैठ रहे थे।सभागार में सिर्फ और सिर्फ यादें टहल रही थीं। बेहतरीन मित्र,शानदार व्यंग्यकार और कुशल मंच संचालक डॉ अनंत श्रीमाली … Continue reading डॉ. अनंत श्रीमाली बहुत याद आये,खूब याद आये