महाराष्ट्र से राज्यसभा की छठी सीट के लिए शिवसेना और भाजपा के बीच मुकाबला होगा, क्योंकि चुनाव मैदान में उतरे सात उम्मीदवारों में से किसी ने भी शुक्रवार को अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इनमें चार उम्मीदवार सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी और तीन उम्मीदवार भाजपा से हैं। चुनाव 10 जून को होगा। दो दशक से अधिक समय में ऐसा पहली बार होगा, जब राज्य में संसद के उच्च सदन के लिए चुनाव होगा। इससे पहले ऐसा चुनाव 1998 में हुआ था, जहां पार्टी के पक्ष में पर्याप्त संख्या होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार राम प्रधान हार गए थे।
वर्ष 1998 में, गुप्त मतदान प्रणाली के अनुसार चुनाव हुआ था, जबकि इस बार मतदाताओं (विधायकों) को अपना मत मतपेटी में डालने से पहले पार्टी सचेतक को दिखाना होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि शुक्रवार दोपहर तीन बजे थी। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महादिक को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि शिवसेना ने संजय राउत और संजय पवार को प्रत्याशी बनाया है।
एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है। छठी सीट पर मुकाबला बीजेपी के महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है। समय सीमा समाप्त होने से पहले, महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के तीन-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार सुबह यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और अनुरोध किया कि उनकी पार्टी अपने तीसरे उम्मीदवार को वापस ले ले।
आघाड़ी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने फडणवीस से कहा कि भाजपा इस महीने के अंत में होने वाले द्विवार्षिक विधान परिषद चुनावों में एक अतिरिक्त सीट ले सकती है, यदि वह राज्यसभा चुनाव के लिए अपने तीसरे उम्मीदवार को वापस ले लेती है, लेकिन भाजपा तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर अड़ी रही और फडणवीस ने राज्य में तीन दलों के गठबंधन को जवाबी प्रस्ताव दिया।
राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने बताया कि उन्होंने फडणवीस के साथ कांग्रेस के सुनील केदार और शिवसेना के अनिल देसाई से मुलाकात की। भुजबल ने कहा कि मतदाताओं को अपना वोट मतपेटी में डालने से पहले पार्टी सचेतक को दिखाना होगा।
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