राष्ट्रपति ट्रंप ने हाथ मिलाकर उन्हें मजबूत और महान पीएम बताया। अमेरिकी पीएम का ये अंदाज ताकाइची के इकबाल को घरेलू स्तर पर बुलंद करता है। दरअसल, अपना पद संभालते ही ताकाइची ने साफ किया था कि वो डिफेंस खर्च में इजाफा करेंगी। इसके पीछे का प्रमुख कारण चीन से जापान की पुरानी अदावत और उसकी आक्रमकता रही है।
ताकाइची ने गठबंधन के लिए “एक नया सुनहरा दौर” लाने का वादा भी किया। राजधानी में सुरक्षा कड़ी थी, बैठक से पहले लगभग 18,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।
इसके साथ ही उन्होंने (ताकाइची) वो सब कुछ किया जो ट्रंप के गोल्फिंग पार्टनर और जापान के भूतपूर्व पीएम शिंजो आबे किया करते थे। उन्होंने राजा से मिलवाया और एक शानदार राजकीय यात्रा का भी आयोजन किया। जापान की इस नई प्रधानमंत्री ने ट्रंप को दिए तोहफे में डिप्लोमेसी के साथ ही इमोशन्स का पुट था।
दोनों देशों ने मिनरल्स और रेयर अर्थ्स की आपूर्ति को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दुनिया जानती है कि अमेरिका स्मार्टफोन से लेकर फाइटर जेट्स तक कई तरह के प्रोडक्ट्स के लिए जरूरी इन मटीरियल्स पर चीन के राज को खत्म करना चाहता है, उस पर निर्भरता कम करना चाहता है।
जापान टाइम्स लिखता है कि ट्रंप ने यूएस से ज्यादा सुरक्षा उपकरण खरीदने की जापान की कोशिशों की भी तारीफ की, जबकि ताकाइची ने कहा कि कंबोडिया-थाईलैंड और इजरायल-हमास के बीच सीजफायर कराने में ट्रंप की भूमिका “अभूतपूर्व” उपलब्धि थी। यही वजह है कि उन्होंने दूसरे वर्ल्ड लीडर्स की तरह ट्रंप को शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया।
जापानी मीडिया का कहना है कि ताकाइची के तेवर जनता को पसंद आ रहे हैं, लेकिन अभी भी वे निचले सदन में बहुमत से दो वोट दूर हैं। ऐसे में उम्मीद पक्की है कि जो डील सील हुई है, वह जापानी पीएम की स्थिति को और मजबूत करेगी। ट्रंप के साथ जापान का यह गठबंधन नई ऊर्जा भरने का काम करेगा।
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