उत्तर भारत में सक्रिय मानसून ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई है। भूस्खलन, बादल फटने और मूसलधार बारिश के चलते अब तक कुल 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 235 सड़कें बंद हैं। आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी ने दोनों राज्यों में चिंता और बढ़ा दी है।
हिमाचल:
हिमाचल प्रदेश में मानसूनी आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिला रहा, जहां 176 सड़कें बंद हैं और 174 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। कुल मिलाकर, 235 सड़कें सोमवार (7 जुलाई) तक अवरुद्ध रहीं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 52 मौतें प्राकृतिक आपदाओं (भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़) के कारण हुई हैं, जबकि 28 मौतें सड़क हादसों में दर्ज की गई हैं।
मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। मंडी में 17, कांगड़ा में 11 और कुल्लू में 9 मौतें दर्ज की गई हैं।
थुनाग, गोहर और करसोग उपमंडलों में 28 लोग लापता हैं, जहां बादल फटने और भूस्खलन के बाद NDRF, SDRF, सेना, ITBP और होम गार्ड्स द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया, “लापता लोगों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जंजैहली क्षेत्र में 50% पेयजल योजनाएं बहाल कर दी गई हैं और कटे हुए इलाकों को जोड़ने के लिए बैली ब्रिज बनाए जा रहे हैं।”
As flash floods & cloudbursts ravage Himachal, the #IndianArmy steps in with swift rescue & relief operations.Braving treacherous terrain & raging waters to save lives. Salute to the real heroes!#IndianArmy #HimachalFloods #RescueOps #DisasterRelief pic.twitter.com/Dl8NkXQPZc
— ✦RUDRA⚔️TRINETRA✦ (@RudraTrinetra) July 8, 2025
मौसम विभाग ने 8 और 9 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। सिरमौर में 10 जुलाई तक अलर्ट प्रभावी रहेगा। 13 जुलाई तक राज्य के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है।
उत्तराखंड:
उत्तराखंड में भी तेज बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बागेश्वर, चमोली और टिहरी जैसे जिलों में सामान्य से कहीं अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। केवल बागेश्वर में इस मानसून में अब तक 765.5 मिमी बारिश हो चुकी है। इसके विपरीत उधम सिंह नगर जैसे मैदानी जिलों में बारिश सामान्य से कम है, जिससे अधिक उमस और तापमान 30-33°C तक बना हुआ है।
Chamoli, Uttarakhand: Badrinath National Highway near Pipalkoti and Barapani is blocked due to continuous falling stones. Police have halted vehicles at safe spots to ensure safety while clearing efforts continue pic.twitter.com/onEiU1D4DB
— IANS (@ians_india) July 8, 2025
मौसम विभाग ने 8 से 10 जुलाई तक नैनीताल, चंपावत, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां 50 किमी/घंटा तक की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों में भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं, भवाली में शिप्रा नदी पुल पर एक बड़ा गड्ढा बनने से स्थानीय लोगों में दहशत है और तत्काल मरम्मत की मांग की जा रही है।
उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान दोनों ही क्षेत्र अगले कुछ दिनों तक सतर्क स्थिति में रहेंगे, क्योंकि मानसून की तीव्रता और बढ़ने की संभावना है।
हिमाचल और उत्तराखंड में मानसून इस बार जीवन और बुनियादी ढांचे दोनों पर कहर बनकर टूटा है। जहां एक ओर मौसम विभाग लगातार चेतावनी जारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। लेकिन लापता लोगों की तलाश और सड़कों व जल आपूर्ति की बहाली अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
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