पाकिस्तान के ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा मौतें लाहौर, ओकारा, फैसलाबाद और आसपास के जिलों में हुईं, जहां इमारतों के ढहने और बिजली का करंट लगने को प्रमुख कारण बताया गया।
लाहौर में भारी बारिश के कारण तीन छतें ढह गईं और 16 लोगों की मौत हो गई। छह अन्य घायल हो गए। इसी तरह फैसलाबाद में छत गिरने की 23 अलग-अलग घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 36 घायल हो गए। एक 45 वर्षीय महिला और उसका 14 वर्षीय बेटा मलबे में दब गए।
इसके अलावा, ओकारा में कम से कम 7 लोगों की मौत हुई, जिनमें 5 बच्चे शामिल थे। मौतों का कारण भवन ढहने, करंट लगने और डूबने जैसी घटनाएं थीं।
पंजाब प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, कई जिलों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई, जिनमें शेखपुरा में 217 मिमी, ओकारा में 170 मिमी, चिचावतनी में 130 मिमी, हाफिजाबाद में 90 मिमी और कसूर में 85 मिमी बारिश शामिल है। फैसलाबाद (60 मिमी), मंडी बहाउद्दीन (32 मिमी) और झेलम (29 मिमी) सहित अन्य शहरों में भी अच्छी बारिश होने की खबर है।
लाहौर, गुजरांवाला, फैसलाबाद, साहीवाल, सरगोधा, मुल्तान, डेरा गाजी खान और बहावलपुर संभागों में और भारी बारिश का अनुमान है।
इस बीच, पंजाब के प्रमुख शहरों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। मंगला, मराला और कादिराबाद सहित प्रमुख स्थानों पर झेलम और चिनाब नदियों में मध्यम से तेज जल प्रवाह की आशंका है। अगले 24 से 36 घंटों में ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश से हालात और बिगड़ सकते हैं।
प्रांतीय प्रशासन ने सभी कमिश्नरों और डिप्टी कमिश्नरों को अलर्ट पर रखा है। राहत आयुक्त नबील जावेद ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे फील्ड में सक्रिय रहें, आपातकालीन टीमें सक्रिय करें और ईंधन व आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
एनडीएमए ने कहा कि नदियों के किनारे बसे लोगों को पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। बाढ़ राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं, जहां जरूरी सामान की व्यवस्था की गई है।
पेपर लीक से त्रस्त था राजस्थान, अब एसआईटी दे रही कठोर संदेश: अमित शाह!



