नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विवादित तीनों कृषि कानूनों पर बातचीत करने की अपील की है।किसान पिछले साल से ही तीन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किसानों से बातचीत फिर से शुरू करने को कहा है। इस पत्र में किसान आंदोलन के कई पहलुओं और सरकार के अहंकारी रवैये का जिक्र है।’ बयान में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं चाहते हैं कि कोई भी महामारी की चपेट में आए। साथ में वे “संघर्ष को भी नहीं छोड़ सकते हैं, क्योंकि यह जीवन और मृत्यु का मामला है और आने वाली पीढ़ियों का भी।”
पत्र में कहा गया है, ‘कोई भी लोकतांत्रिक सरकार उन तीन कानूनों को निरस्त कर देती, जिन्हें किसानों ने खारिज कर दिया है, जिनके नाम पर ये बनाए गए हैं और मौके का इस्तेमाल सभी किसानों को एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने के लिए करती… दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सरकार के मुखिया के रूप में, किसानों के साथ एक गंभीर और ईमानदार बातचीत को फिर से शुरू करने की जिम्मेदारी आप पर है।’
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा में 40 संगठन शामिल हैं। 26 जनवरी से किसानों और सरकार के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है ।26 जनवरी को हुए हिंसात्मक आंदोलन बातचीत पर एक तरह से बंद हो गई।वहीं किसान संगठनों ने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर 26 जनवरी को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।