मुंबई। कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की तीन बड़ी कंपनियां महाराष्ट्र सरकार को वैक्सीन बेचने के लिए तैयार हैं।स्पुतनिक-वी, एस्ट्राजेनेका, फाइजर जैसी वैक्सीन कंपनियां ने महाराष्ट्र सरकार के ग्लोबल टेंडर में रुचि दिखाई है लेकिन ये कंपनियां फिलहाल यह बताने को तैयार नहीं है कि वे वैक्सीन की सप्लाई कब से दे पाएंगी। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को बताया कि कोरना वैक्सीन खरीदने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए ग्लोबल टेंडर के लिए तीन विदेशी कंपनियों ने रिसपांस दिया है। इसमें रूस की स्पुतनिक-वी, यूके की एस्ट्राजेनेका, यूएस की फाइजर वैक्सीन कंपनी शामिल हैं लेकिन इन कंपनियों ने वैक्सीन की सप्लाई की तारीख नहीं बताई है। टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करके टीका आयात के लिए राष्ट्रीय नीति घोषित करनी चाहिए। केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर टीका खरीदी के लिए वैश्विक टेंडर जारी करना चाहिए। राज्य सरकार 18 से 44 साल वाले नागरिकों को टीका उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को राशि देने के लिए तैयार है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि प्रदेश की कोरोना के मरीजों की औसत पॉजिटिविटी दर की तुलना में अधिक पॉजिटिविटी दर वाले 18 जिलों में सभी मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखने के निर्देश दिए गए हैं। टोपे ने कहा कि राज्य में कोविड केयर सेंटर बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। गांवों के स्तर पर लगभग 30 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर के निर्माण के लिए 15 वें वित्त आयोग से उपलब्ध निधि में से 25 प्रतिशत राशि का उपयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा गौण खनिज से उपलब्ध निधि का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
जांच बढ़ाने के निर्देश
टोपे ने कहा कि कोरोना की जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले हाय-रिस्क और लो-रिस्क वाले व्यक्तियों की जांच करने के सख्त आदेश दिए गए हैं। यदि लक्ष्य निर्धारित पद्धति के बजाय कहीं पर भी जाकर जांच की गई तो पॉजिटिविटी दर कम ही आएगी। इसलिए कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों का जांच अधिक करने को कहा गया है। टोपे ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना जांच के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे आशा कार्यकर्ता कोरोना की रैपिड एंटीजन टेस्ट और कोविशिल्ड की सेल्फ टेस्टिंग किट के जरिए जांच कर सकेंगी। राज्य में लगभग 70 हजार आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं।
ठीक होने की दर 93 फीसदी
टोपे ने बताया कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीज 3 लाख 27 हजार हैं। कोरोना के मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 93 प्रतिशत हो गई है। कोरोना के मरीजों की पॉजिटिविटी दर घटकर 12 प्रतिशत हो गई है। जबकि कोरोना से मौत की दर घटकर 1.5 प्रतिशत हो गई है।
कैबिनट में होगा लॉकडाउन पर निर्णय
राज्य में लागू लॉकडाउन की अवधि 31 मई को खत्म हो रही है। लॉकडाउन बढ़ाने के सवाल पर टोपे ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन जैसी लागू पाबंदियों में ढील देने के लिए संभवत गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी। मंत्रिमंडल में पाबंदियों में ढील देने के लिए उचित फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार मौजूदा पाबंदियों में ढील दे सकती है। इससे दुकानदारों को राहत मिलने की उम्मीद है।