मुंबई। अपनी खोई राजनीति जमीन की तलाश में सरकार में शामिल कांग्रेस प्रमोशन में आरक्षण के मसले पर अपनी ही सरकार को घेरने में जुट गई है। कांग्रेस राज्य सरकार द्वारा पिछले 7 मई को जारी उस शासनादेश को रद्द करने की मांग कर रही है जिसमें सरकारी और अर्ध-सरकारी सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पदोन्नती के लिए लागू आरक्षण को एक झटके में खत्म कर दिया था। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता वाली पदोन्नति आरक्षण उपसमिति ने यह निर्णय लिया था। अब कांग्रेस ने इस जीआर को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस नेता व ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि जीआर जारी करते वक्त मंत्रिमंडल को विश्वास में नहीं लिया गया। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को ऑनलाईन बैठक की।
बाद में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित हुए प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रमोशन में आरक्षण रद्द करने के फैसले को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि 7 मई का जीआर गैरकानूनी तरीके से जारी किया गया था और इसे तत्काल रद्द कर देना चाहिए और राज्य में रिक्तियों को तुरंत भरा जाना चाहिए। इसके अलावा वर्ष 2017 के बाद से यहां तक कि पिछली सरकार ने भी कोई भी आरक्षित जगह नहीं भरी है। इन सभी रिक्तियों को सुप्रीम के निर्णय के अधीन भरा जाना चाहिए। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने आरोप लगाया है कि जीआर जारी करते समय मंत्रिमंडल को विश्वास में नहीं लिया गया। ऐसे में हम इससे सहमत नहीं है। हम मांग करते हैं कि इसे निरस्त किया जाए। इसके लिए हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही मिल जाएगा।