घर खरीदारों से धोखाधड़ी और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के साथ सांठगांठ के आरोपों में CBI ने शनिवार (27 सितंबर) को मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने 6 नए केस दर्ज कर 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई, जिसने बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के कथित गठजोड़ को गंभीर मामला मानते हुए सीबीआई को जांच सौंपने का निर्देश दिया था।
घर खरीदारों की शिकायत पर शुरू हुई जांच
देशभर के हजारों घर खरीदारों ने बिल्डरों और डेवलपर्स पर धोखा देने और वित्तीय संस्थानों द्वारा जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि बिल्डर और वित्तीय संस्थान मिलकर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे थे। इसी के बाद अप्रैल 2025 में अदालत ने सीबीआई को सात प्रारंभिक जांच दर्ज करने का आदेश दिया था। इनमें से छह मामले एनसीआर से जुड़े थे, जबकि सातवां केस एनसीआर के बाहर के बिल्डरों पर आधारित था।
कोर्ट से मिले नए आदेश
सीबीआई ने पहले ही एनसीआर से जुड़े 22 नियमित केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। शनिवार (27 सितंबर)को सीबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सातवीं प्रारंभिक जांच भी पूरी कर ली गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए एजेंसी को कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई के बिल्डरों तथा वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 6 नए केस दर्ज करने का आदेश दिया।
छापेमारी में बरामद दस्तावेज और डिजिटल सबूत
सीबीआई ने आदेशों का पालन करते हुए तीनों शहरों में छापेमारी की और महत्वपूर्ण दस्तावेजों व डिजिटल साक्ष्यों को बरामद किया। सूत्रों के मुताबिक तलाशी अभियान अब भी जारी है और एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किस तरह बिल्डरों और अधिकारियों की मिलीभगत से गृह खरीदारों को योजनाबद्ध तरीके से ठगा गया। इस कार्रवाई ने न केवल बिल्डरों और डेवलपर्स बल्कि वित्तीय संस्थानों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सीबीआई और बड़े खुलासे कर सकती है।
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