मुंबई। हिंदी पत्रकारिता में 30 मई के दिन का विशेष महत्व है। आधुनिक भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव पड़ी थी, 30 मई 1926 को उदन्त मार्तण्ड नाम से पहला हिंदी भाषा का अखबार का प्रकाशित हुआ था, तब से 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अखबार के पहले प्रकाशक और संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल थे, आज हिंदी पत्रकारिता के 195 साल पूरे हो गए हैं। बंगाल में उस समय अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला में दूसरे अखबार प्रकाशित हो रहे थे पर हिंदी में किसी अखबार का प्रकाशन नहीं हो रहा था। ऐसे समय में पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने कलकत्ता से उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन शुरू किया।
साप्ताहिक अखबार के तौर पर इसका प्रकाशन शुरू हुआ। जुगल किशोर शुक्ल मूल रूप से कानपुर के रहने वाले थे,वे हिंदी के साथ-साथ संस्कृत, अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला भाषा के भी जानकार थे। कानपुर की सदर दीवानी अदालत में प्रोसीडिंग रीडर के रूप में काम करते थे और वे वकील बन गए। उन्होंने उदन्त मार्तण्ड के प्रयास शुरू किए और अंततः उन्हें 19 फरवरी 1926 को गवर्नर जनरल से अखबार शुरू करने की अनुमति मिल गई। उदन्त मार्तण्ड अखबार को 500 कॉपियों के साथ शुरू किया गया। बंगाल में हिंदी भाषा के जानकार कम होने के कारण इसे पर्याप्त पाठक नहीं मिल पाए। बंगाल से हिंदी भाषी राज्यों में अखबार को डाक से भेजने का खर्चा ज्यादा आता था। इसलिए पंडित जुगल किशोर शुक्ल से सरकार से डाक की दरों में कुछ छूट मांगी पर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनकी बात को नहीं माना।