मुंबई। राज्य सरकार की लापरवाही से ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त होने की कगार पर है। उसे राज्य सरकार अभी भी बचा सकती है। यह बात विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कही है।सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब महाराष्ट्र में राजनीतिक आरक्षण नहीं बचा है। एसीसी का सर्वे हमारे पास है पर उसका बायफेरकेशन करने की जरूरत है।साइंटिफिक डेटा तैयार करना होगा। इससे आदिवासी बाहुल्य जिलों को छोड़ कर अन्य जगहों पर ओबीसी आरक्षण बहाल हो सकता है। मराठा आरक्षण के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि हमने मराठा आरक्षण बचा कर दिखाया था ना। पर महा विकास आघाडी सरकार 15 महीनों में कुछ नहीं कर सकी। उन्होंने कहा इस सरकार के मंत्री बस झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा में जुटे हैं। यदि झूठ बोलने की कोई प्रतियोगिता हो इनको कोई नहीं हरा सकता।
बता दे कि स्थानिय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी है। इससे महागर पालिका, नगरपालिका, नगरपंचायत, ग्राम पंचायतों आदि के चुनाव में ओबीसी आरक्षण नहीं रह सकेगा। भाजपा इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है क्योकि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू रहते 15 महीनों के दौरान करीब आठ बार राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में तारीख ली गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग आयोग गठित कर जरूरी आंकड़े जुटा कर आरक्षण को न्यायसंगत ठहराने का अवसर दिया था। लेकिन इस बारे में प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए। जिसके चलते ओबीसी समुदाय का आरक्षण समाप्त हो गया है। फडणवीस ने कहा कि मैंने 5 मार्च 2021 को इस मामले को विधानमसभा में भी उठाया था। इस बारे में कई पत्र भेजे गए किन्तु सरकार ने न तो कोई कदम उठाया और न ही किसी ने इसे गंभीरता से लिया।