लाल किला आत्मघाती धमाका मामले की जांच में एक अहम खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने पाया है कि आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी तुर्की के अंकारा में बैठे एक हैंडलर ‘उक़ासा’ के संपर्क में था। सूत्रों के अनुसार, यह हैंडलर ‘उक़ासा’ नाम से काम करता था, जिसका अर्थ अरबी में “मकड़ी” होता है, और वह भारत में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल की गतिविधियों का संचालन करता था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “आरोपियों और उनके विदेशी हैंडलर के बीच बातचीत केवल Session App के माध्यम से होती थी ताकि निगरानी से बचा जा सके। यह स्पष्ट है कि यह नेटवर्क विदेशी दिशा-निर्देश में काम कर रहा था।”
जांच में सामने आया है कि डॉ. उमर उन नबी और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले में आरोपी डॉ. मुजामिल शकील गनी वर्ष 2022 में तुर्की गए थे। वहीं उनकी मुलाकात ‘उक़ासा’ से हुई थी, जिसने उन्हें कट्टरपंथी बनाकर आतंकी नेटवर्क में भर्ती किया। बताया गया है कि अंकारा से बैठकर ‘उक़ासा’ इन आतंकियों की वित्तीय गतिविधियां, यात्रा योजनाओं और भर्ती प्रक्रिया की निगरानी करता था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष टीम अब संदिग्धों के चैट इतिहास, कॉल रिकॉर्ड और जब्त डिजिटल उपकरणों की जांच कर रही है ताकि नेटवर्क के पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठनों से संबंधों की पुष्टि की जा सके। गुरुवार (13 नवम्बर) को एजेंसियों ने खुलासा किया कि इस आतंकी मॉड्यूल की योजना देश के कई शहरों में सिलसिलेवार विस्फोट करने की थी। आठ आतंकियों ने चार शहरों में दो-दो के समूह में जाकर IED लगाने की रणनीति बनाई थी।
इसके अलावा, जांच में पता चला है कि डॉ. मुअज़म्मिल शकील, डॉ. अदील रज़ा रादर, डॉ. उमर उन नबी और डॉ. शहीन शाहिद ने करीब ₹20 लाख नकद जुटाए थे, जिसे नबी को सौंपा गया था। पैसों को लेकर नबी और मुजामिल के बीच विवाद भी हुआ था। आतंकियों ने Signal App पर एक ग्रुप बनाया था, जिसमें मॉड्यूल के कई सदस्य शामिल थे।
एजेंसियों ने यह भी पाया कि आरोपियों ने गुरुग्राम, नूह और आसपास के इलाकों से 20 क्विंटल NPK खाद खरीदी थी, जिसकी कीमत लगभग ₹3 लाख बताई गई है। यह खाद IED तैयार करने के लिए उपयोग में लाई जानी थी। जांच में यह भी सामने आया कि धमाके में प्रयुक्त ह्युंडई i20 और लाल EcoSport के अलावा, दो और पुरानी गाड़ियाँ खरीदने की योजना थी ताकि उनमें विस्फोटक लगाए जा सकें।
10 नवम्बर को लाल किले के पास हुए इस धमाके में 12 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए। अब तक आठ संदिग्धों में डॉ. मुअज़म्मिल शकील, डॉ. मुहम्मद आरिफ, डॉ. अदील अहमद राठेर, डॉ. शहीन शाहिन शामिल को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल से संबंधित बताया जा रहा है।
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