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Thursday, January 1, 2026
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भारत ने स्टील आयात पर लगाया 3 साल का सेफगार्ड टैरिफ

घरेलू उद्यमियों में खुशी; स्टील शेयरों में उछाल

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सस्ते विदेशी स्टील आयात पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने चीन समेत कुछ देशों से आने वाले चुनिंदा स्टील उत्पादों पर तीन वर्षों के लिए 11 से 12 प्रतिशत का सेफगार्ड (सुरक्षात्मक) आयात शुल्क लागू कर दिया है। इस फैसले का उद्देश्य घरेलू स्टील उद्योग को कम कीमत वाले आयात से होने वाले नुकसान से बचाना है। सरकार के इस कदम के बाद भारतीय स्टील कंपनियों के शेयरों में तेज उछाल देखा गया है।

सरकार द्वारा आधिकारिक गैजट में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, यह सेफगार्ड ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लागू होगी। पहले वर्ष में यह शुल्क 12 प्रतिशत रहेगा, दूसरे वर्ष में घटकर 11.5 प्रतिशत और तीसरे वर्ष में 11 प्रतिशत कर दिया जाएगा। हालांकि, कुछ विकासशील देशों को इस शुल्क से छूट दी गई है, लेकिन चीन, वियतनाम और नेपाल से आने वाले स्टील उत्पाद इस दायरे में आएंगे। स्टेनलेस स्टील और कुछ विशेष किस्म के स्टील उत्पादों को इस टैरिफ से बाहर रखा गया है।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि हाल के महीनों में स्टील आयात में अचानक, तेज और असामान्य वृद्धि दर्ज की गई थी, जिससे घरेलू उत्पादकों पर दबाव बढ़ा। विशेष रूप से चीन से आने वाले सस्ते स्टील ने भारतीय कंपनियों की मार्जिन को प्रभावित किया और उत्पादन क्षमता के उपयोग पर असर डाला।

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने जांच के बाद यह सेफगार्ड ड्यूटी लगाने की सिफारिश की थी। DGTR की रिपोर्ट में कहा गया कि यदि आयात की मौजूदा स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो इससे भारतीय स्टील उद्योग को गंभीर और दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है।

उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, यह तीन साल का टैरिफ पहले लगाए गए अल्पकालिक अंतरिम शुल्क की जगह लेगा और इससे घरेलू कंपनियों को स्थिरता मिलेगी। नीति निर्माताओं का मानना है कि इससे स्टील की कीमतों में संतुलन आएगा, उत्पादन क्षमता का बेहतर उपयोग होगा और आयातित स्टील घरेलू उत्पाद को बाजार से बाहर नहीं कर पाएगा।

सरकार के इस फैसले का असर शेयर बाजार में तुरंत दिखाई दिया। टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) और जिंदल स्टील जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 2 से 5 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। विश्लेषकों का कहना है कि घरेलू स्टील की कीमतें अब भी चीनी स्टील की लैंडेड कॉस्ट से लगभग 13–15 प्रतिशत कम हैं, लेकिन नया टैरिफ इस अंतर को कम करने में मदद करेगा।

मेटल सेक्टर में आई तेजी के चलते निफ्टी के मेटल इंडेक्स में भी मजबूती देखी गई, हालांकि विदेशी निवेशकों की बिकवाली जैसी व्यापक चिंताओं के कारण बाजार की कुल बढ़त सीमित रही।

घरेलू स्टील उत्पादकों के लिए यह फैसला लंबी अवधि की योजना और निवेश के लिहाज से राहत देने वाला माना जा रहा है। वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण और भारी उद्योग से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए भविष्य में लागत थोड़ी बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, सरकार का यह कदम घरेलू उद्योग को संरक्षण देने और अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

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