मुंबई। शारीरिक तौर पर कमजोर लोगों को घर -घर जाकर वैक्सीनेशन देने की संभावनाओं पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सवाल किया था। इसका जवाब देते हुए केंद्र ने कहा कि फ़िलहाल घर-घर जाकर वैक्सीन देना संभव नहीं है। यह नीति विशेषज्ञों द्वारा विचार -विमर्श के बाद तय की गई है। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जवाब दिया। सिंह ने कहा कि कुछ राज्य सरकार और नगर निकाय ने केंद्र के परामर्श और दिशा-निर्देशों को नज़र अंदाज़ कर कुछ नागरिकों के घर जाकर वैक्सीन लगा रहे थे।
लेकिन इस तरह का अभियान को लागू करना अभी संभव नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ के सवालों का जवाब देते हुए केंद्र सरकार की ओर से अनिल सिंह ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य़ मंत्रालय को लिखे पत्र में बीएमसी द्वारा बुजुर्गों, बिस्तर पर पड़े लोगों और इस तरह के अन्य नागरिकों को घर-घर जाकर वैक्सीन देने की अनुमति मांगी गई है। लेकिन इस तरह के अभियानों के ख़िलाफ़ केंद्र की नीति स्पष्ट है। कुछ राज्य एवं नगर निकाय घर-घर जाकर वैक्सीन चलाने का अभियान चला रहे है। केंद्र की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि कुछ समय के लिए घर-घर जाकर वैक्सीन लगाना व्यावहारिक और संभव नहीं है। वैक्सीनेशन के बाद कुछ समय तक लोगों को ऑब्जर्वेशन पर रखना पड़ता है इसके अलावा घर-घर जाकर वैक्सीन देने में वैक्सीन खराब होने का खतरा है। ऐसे कई व्यावहारिक कारण हैं जो घर-घर वैक्सीनेशन की नीति अपनाने से हमें रोकते हैं।
लेकिन केंद्र समय-समय पर अपनी नीति में सुधार कर रहा है और भविष्य में शायद केंद्र घर-घर जाकर टीका लगाने की अनुमति दे सकता है। सिंह ने कहा कि कई राज्यों में इस तरह के वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाए गए, केंद्र द्वारा उन्हें मना नहीं किया गया। इस पर जब ने बीएमसी से पूछा कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दिशा-निर्देश विरोधाभासी हुए तो बीएमसी क्या करेगी? यानी केरल सरकार की तरह महाराष्ट्र की राज्य सरकार भी घर-घर जाकर वैक्सीन देने की अनुमति देती है तो बीएमसी किसके दिशा-निर्देशों का पालन करेगी? इसके जवाब में बीएमसी की ओर से वकील अनिल साखरे ने कहा कि बीएमसी राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करेगी। बीएमसी के वकील ने कहा कि बीएमसी की ओर से सारी व्यवस्थाएं तैयार हैं. बिस्तर पर पड़े लोग, विकलांग या ऐसे बुजुर्ग जो वैक्सीन लेने के लिए घर से बाहर नहीं जा सकते, उन्हें घर जाकर वैक्सीन देने की योजना पर राज्य सरकार काम कर रही है।