मुंबई। भारत सरकार में कार्यरत अधिकारी अंग्रेजी की सेवा में अंग्रेजों से भी आगे हैं। इसलिए भारत सरकार की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था अंग्रेजी में संचालित की जाती है और यह बात जगजाहिर है। हर सरकारी योजना और ऑनलाइन सेवा में भारत सरकार के अधिकारी अंग्रेजी थोपने से बाज नहीं आते हैं। कोरोना काल में भी भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय का सारा कामकाज अंग्रेजी में कर रहा है और इस वैश्विक महामारी से बचने के सभी उपाय, दिशा-निर्देश, मोबाइल एप, वेबसाइट आदि केवल अंग्रेजी में तैयार करके जनता को परोसा जा रहा है। पर कुछ लोग धुन के पक्के होते हैं और हार न मानने की भावना उनमें कूट-कूटकर भरी होती है, ऐसे ही हैं मुंबई में रहने वाले हिंदी सेवी युवा प्रवीण कुमार जैन, पेशे से एक सलाहकार व कंपनी सचिव हैं।
श्री जैन कोरोना काल में भारत सरकार द्वारा भाषाई आधार पर किए जा रहे भेदभाव के विरुद्ध वे सभी मंत्रालयों को लगातार लिख रहे हैं, आरटीआई आवेदन लगा रहे हैं। राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण की वेबसाइट कोविन www.cowin.gov.in भी सरकारी बाबुओं ने केवल अंग्रेजी में बनाई थी। आम जनता से किया जा रहा यह भाषाई भेदभाव प्रवीण जैन को रास नहीं आया और इसके विरोध में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राजभाषा विभाग का दरवाजा खटखटाया। शिकायतें अनदेखी की जाती रही हैं, पर वे रुके नहीं। 10 शिकायतों और 4 महीने की मेहनत के बाद अंततः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को 21 मई 2021 को घोषणा करनी पड़ी कि शीघ्र ही कोविन वेबसाइट 10-12 भारतीय भाषाओं में शुरू की जाएगी। 4 जून 2021 से कोविंन वेबसाइट 11 भारतीय भाषाओं में शुरू कर दी गई है। वेबसाइट मूल रूप से अभी भी फिरंगी भाषा में खुलती है। मुख पृष्ठ पर दाहिने कोने पर ENGLISH लिखा हुआ है, ENGLISH पर टेप करने पर 11 भारतीय भाषाओं के नाम दिखाई देने लगते हैं जहाँ आप अपनी पसंद की भाषा चुन सकते हैं।