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Sunday, September 22, 2024
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महान धावक मिल्खा सिंह का निधन ‘फ्लाईंग सिख’ की उपाधि किसने दी?

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नई दिल्ली। भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का शुक्रवार को देर रात चंडीगढ़ में कोरोना से निधन हो गया। मिल्खा सिंह कोरोना बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। इससे पहले रविवार को उनकी 85 वर्षीया पत्नी निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था।बता दें कि मिल्खा सिंह के जीवन पर फिल्म भी बन चुकी है।
परिवार के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के करीब एक महीने बाद 91 वर्षीय इस महान धावक का निधन हो गया।1958 के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और 1960 के ओलिंपियन ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। मिल्खा 20 मई को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। उनके पारिवारिक रसोई को कोरोना हो गया था, जिसके बाद मिल्खा और उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।इसके बाद उन्हें 24 मई को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें 30 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद 03 जून को ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बाद उन्हें पीजीआईएमईआर के नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में भर्ती करवाया गया। गुरुवार को उनकी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। शुक्रवार शाम को ज्यादा खराब हो गई थी और बुखार के साथ ऑक्सीजन भी कम हो गई थी। हालांकि, गुरुवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी। उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं।

चार बार के स्वर्ण पदक विजेता: चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था ।जीव मिल्खा सिंह को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है। ऐसे में मिल्खा सिंह और उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह देश के ऐसे इकलौते पिता-पुत्र की जोड़ी है, जिन्हें खेल उपलब्धियों के लिए पद्मश्री मिला है।
पीएम ने जताया शोक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था।अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे। मैं उनके निधन से आहत हूं।’ उन्होंने लिखा, ‘मैने कुछ दिन पहले ही मिल्खा सिंह जी से बात की थी। मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी। उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं।
ऐसे पड़ा नाम फ्लाइंग सिख: मिल्खा सिंह का जन्म अविभाजित भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ, लेकिन वह आजादी के बाद हिंदुस्तान आ गए। उन्हें ‘फ्लाईंग सिख’ का खिताब  तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री फील्ड मार्शल अयूब खान ने दिया था।
उनके जीवन पर बन चुकी है फिल्म : महान धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर ‘भाग मिल्खा भाग’ नाम से फिल्म भी बनी है। मिल्खा सिंह ने कभी भी हार नहीं मानी।

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