मुंबई। राज्य के आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल खत्म हो गई है। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से चर्चा के बाद हल निकल गया। सरकार उन्हें स्मार्ट फोन देगी साथ ही 1500 रुपए की वेतन बढ़ोतरी मंजूर की गई है। करीब एक सप्ताह पूर्व आशा कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया था। इस सिलसिले में समय-समय पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ बैठकें होती रहीं। राज्य सरकार ने आशा स्वयंसेवकों की मांगों को लेकर सकारात्मक निर्णय लिया है और इससे राज्य में 68 हजार 297 आशा सेविकाओं और 3 हजार 570 समूह प्रवर्तकों को लाभ होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने मंत्रालय में एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बैठक में हुई चर्चाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आशा सेविकों को एक जुलाई 2021 से निश्चित मानदेय में 1000 रुपये और 500 रुपये कोविड भत्ता देने का निर्णय लिया गया। 1 जुलाई से आशा सेविकियों को 1500 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी।
समूह के प्रवर्तकों को निश्चित मानदेय में 1,200 रुपये और कुल 1,700 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी, जिसमें 500 रुपये का कोविड भत्ता भी शामिल है, जिसके लिए राज्य सरकार सालाना 202 करोड़ रुपये खर्च करेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा। आशा कार्यकर्ताओं को स्थानीय निकायों द्वारा प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय निकायों को उनकी वित्तीय स्थिति के अनुसार भत्ते का भुगतान करने की सिफारिश की जाएगी, साथ ही उन्हें कोरोना पर टीकाकरण के लिए भीड़ के प्रबंधन के लिए 200 रुपये का अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि जिला अस्पताल को उम्मीद्वारों के लिए ‘आश्रय केंद्र’ मुहैया कराने के निर्देश दिए जाएंगे। आशा को मिलने वाले मानदेय का ब्योरा देने के लिए लिखित पत्र दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एएनएम और जीएनएम की श्रेणियों में शिक्षा के लिए 2 प्रतिशत आरक्षण आशा के लिए है और उन्हें इन पदों की अनुबंध सेवा के लिए वरीयता दी जाएगी। कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं और उनके परिवार का सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज किया गया है.