मुंबई। एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में 10 आरोपी पड़ोसी नवी मुंबई में तलोजा जेल में एक दिन की भूख हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने सह-आरोपी स्टेन स्वामी की ‘‘संस्थागत हत्या’’ के विरोध में बुधवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने एल्गार परिषद मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों और तलोजा जेल के पूर्व अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की।
स्वामी (84) को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अक्टूबर 2020 में रांची से एनआईए ने गिरफ्तार किया था और नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में बंद रखा गया था। उन्हें सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया । वह स्वास्थ्य आधार पर जमानत दिए जाने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। इस मामले में अन्य आरोपियों ने स्वामी की मौत को ‘‘संस्थागत हत्या’’ बताया और इसके लिए ‘‘जेलों की लापरवाही, अदालतों की उदासीनता और जांच एजेंसियों की दुर्भावना’’ को जिम्मेदार ठहराया।
बता दें कि एल्गार परिषद मामले में स्वामी और उनके सह आरोपियों पर नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ने आरोप लगाया है। एजेंसी के मुताबिक आरोपी मुखौटा संगठन के सदस्य हैं जो प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के लिए काम करता है। एनआईए ने पिछले महीने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर स्वामी की जमानत याचिका का विरोध किया था। एजेंसी ने कहा कि उनकी बीमारी का ‘निर्णायक सबूत’ नहीं है। हलफनामे में कहा गया कि स्वामी माओवादी हैं, जिन्होंने देश में अशांति पैदा करने की साजिश रची।
बता दें कि एल्गार परिषद मामले में स्वामी और उनके सह आरोपियों पर नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ने आरोप लगाया है। एजेंसी के मुताबिक आरोपी मुखौटा संगठन के सदस्य हैं जो प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के लिए काम करता है। एनआईए ने पिछले महीने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर स्वामी की जमानत याचिका का विरोध किया था। एजेंसी ने कहा कि उनकी बीमारी का ‘निर्णायक सबूत’ नहीं है। हलफनामे में कहा गया कि स्वामी माओवादी हैं, जिन्होंने देश में अशांति पैदा करने की साजिश रची।