मुंबई/दिल्ली। दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पश्चिम जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम ने पूरे भारत से चोरी हुए मोबाइल फोन के एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को मुंबई, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है, जिसका नाम हसम रहीस कुरैशी (33) पुत्र मोहम्मद आरिफ निवासी कमरा नंबर -37, एच.नं- 156/174, शास्त्रीकर बिल्डिंग, चिमना बुचर स्ट्रीट, नल बाजार, मन्सवी, मुंबई के रूप में पहचान की गई है. वह चोरी के मोबाइल फोन की तस्करी बंग्लादेश, थाईलैंड और सूडान में करता था,दक्षिण पश्चिम जिला उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह के मुताबिक जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम ने हाल ही में रिसीवर्स (04 आरोपी) के एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो मुंबई में अपने समकक्ष को चोरी हुए मोबाइल फोन खरीदने और बेचने का काम करता थे. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि, स्नैचर्स/लुटेरों और मेवाती गिरोह से खरीदे गए सभी मोबाइल फोन, एक हसम जो मुंबई का निवासी है, को बेच देते थे।
तभी से स्पेशल स्टाफ की टीम आरोपी हसम को पकड़ने में लगी हुई थी,डीसीपी इंगित प्रताप सिंह के मुताबिक 13 जुलाई को उप निरीक्षक मुकेश की अध्यक्षता में हवलदार सतीश, सिपाही नंद किशोर और सिपाही नवीन के साथ विशेष स्टाफ की एक टीम आरोपी को पकड़ने के लिए मुंबई रवाना हुई. टीम के प्रयासों से आरोपी हसम रहीस कुरैशी पुत्र मोहम्मद आरिफ को मुंबई, महाराष्ट्र से पकड़ लिया गया, यह पता चला कि आरोपी हसम पिछले 5 वर्षों से भारत के विभिन्न राज्यों के विभिन्न डीलरों से चोरी हुए मोबाइल फोन का अभ्यस्त प्राप्तकार्ता था. वह करीब 1 साल पहले आरोपी मोहम्मद अलीम निवासी फिरोजाबाद, यूपी के संपर्क में आया था और कूरियर के माध्यम से मोहम्मद अलीम से चोरी हुए मोबाइल फोन प्राप्त कर रहा था, मोबाइल फोनों को मेवाती गैंग ने दिल्ली और एनसीआर में विभिन्न मोबाइल दुकानों के शटर तोड़कर चोरी किया था। उसने इन चोरी हुए मोबाइल फोनों को सीमा पर कूरियर द्वारा और अगरतला (त्रिपुरा) से वाहकों के माध्यम से अपने समकक्ष अयान को बांग्लादेश भेज दिया,आरोपी हासम शेरपुर, द. गढ़, जिला. हापुड़, यू.पी. गांव का स्थाई निवासी है और अब पिछले 19 सालों से मुंबई में ही रहता हैं. उसका बड़ा भाई कासम मुंबई के चोर बाजार में चोरी के लैपटॉप और कार स्टीरियो का रिसीवर था और इसमें हासम उसकी मदद करता था. कुछ समय बाद, वह मुंबई में स्थानीय मोबाइल चोरों और लुटेरों के संपर्क में आया और सूरत, गुजरात में एक निजाम को चोरी के मोबाइल की आपूर्ति शुरू कर दी।