31 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमन्यूज़ अपडेटविधान परिषद राज्यपाल कोटे की सीटों के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने...

विधान परिषद राज्यपाल कोटे की सीटों के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित,सुनवाई पूरी

Google News Follow

Related

मुंबई, विधान परिषद की राज्यपाल मनोनीत सीटो लेकर बांबे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जल्द ही यह फैसला सुनाया जाएगा। इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि विधान परिषद की 12 सीटों पर मनोनयन के लिए राज्य मंत्रिमंडल की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को राज्यपाल स्वीकार करें अथवा उसे अस्वीकार कर सकते हैं। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। कोर्ट ने पूछा कि क्या राज्यपाल विधानपरिषद की सीटों को रिक्त रख सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने यह सवाल करते हुए विधानपरिषद के 12 सीटों पर सदस्यों को मनोनीत करने के बारे में राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव पर निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।

इस बारे में नाशिक निवासी रतन शोली लूथ ने याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पैरीव कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह से पूछा कि विधानपरिषद की 12 सदस्यों को मनोनीत करने के बारे में मंत्रिमंडल की ओर से नवंबर 2020 में प्रस्ताव भेजा गया था। क्या संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है। जो राज्यपाल को कार्य करने से रोकते है। इस मामले में राज्यपाल मंत्रिमंडल की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार कर सकते थे अथवा अस्वीकार। क्या विधानपरिषद के पदों का रिक्त रहना संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ नहीं है।

खंडपीठ ने कहा कि संविधान ने राज्यपाल को मंत्रिमंडल की सिफारिश व सलाह के तहत विधानपरिषद की 12 सदस्यों को मनोनीत करने का कर्तव्य सौपा है। ऐसी स्थिति में यह राज्यपाल का कर्तव्य है कि वे मंत्रिमंडल की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करे अथवा अस्वीकार। या फिर प्रस्ताव को वापस भेज दे। क्या राज्यपाल विधानपरिषद की 12 सीटों को रिक्त रख सकते है। क्योंकि संविधान ने उन्हें बोलने व कार्य करने की जिम्मेदारी सौपी हैं। राज्यपाल के पास शिक्षा,कला, सहित्या विज्ञान व समाज सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करनेवाले 12 लोगों को विधानपरिषद में मनोनीत करने का अधिकार है।

सरकार का फैसला, राज्यपाल के अधिकार में हस्तक्षेप
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे श्री सिंह ने कहा कि संविधान ने राज्यपाल को 12 सीटों पर लोगों को मनोनीत करने का अधिकार दिया है। इसलिए इसे राज्यपाल मनोनीत सीट का नाम दिया गया है। यदि इसमें मंत्रिमंडल की सिफारिश के तहत राज्यपाल को निर्णय लेने के लिए कहा जाएगा तो यह राज्यपाल के अधिकार में हस्तक्षेप करने जैसा होगा। राज्यपाल को स्वतंत्र रुप से इन सीटों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,296फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
195,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें