मुंबई/दिल्ली। Delhi Mumbai Expressway प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई के बीच की यात्रा के समय को घटाकर आधा यानी 12 घंटे कर देगा। कुछ ही दिनों पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सभा में बताया है कि तमाम बाधाओं के बावजूद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे जुड़ी कुछ बातें हैं।
दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाला यह 8-लेन एक्सप्रेस-वे ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का एक हिस्सा है। जनवरी 2023 तक कंपलीट करने का लक्ष्य रखा गया है, यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे, जो कि 1,350 किलोमीटर लंबा होगा। गडकरी ने कहा है, ‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई में से 350 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है और 825 किलोमीटर के निर्माण का काम प्रगति पर है.’साल 2020-21 में एक्सप्रेस-वे के निर्माण की गति 36.5 किलोमीटर/दिन रही है। गडकरी ने कहा कि यह किसी भी नेशनल हाईवे के निर्माण की अब तक की सबसे तेज गति है, देश के 2 सबसे व्यस्त मार्गों को जोड़ने वाली यह सड़क शहर और राजमार्ग के ट्रैफिक को बांट देगी, इससे बार-बार होने वाले ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी और यात्रा का समय काफी कम कर देगी।
हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को जोड़ने वाला यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस 90 हजार करोड़ रुपये में बन रहा है। यह एशिया का ऐसा पहला एक्सप्रेस-वे होगा जिसमें जानवरों के गुजरने के लिए ओवरपास होंगे, क्योंकि यह एक्सप्रेस-वे कई वाइल्ड लाइफ सेंचुरीज से होकर गुजरता है। यह ‘ग्रीन एक्सप्रेस-वे’ होगा, इस एक्सप्रेस-वे के किनारे पौधारोपण करने के लिए स्कूली बच्चों को जोड़ा जाएगा।