मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। सरकार चाहती है कि सरकारी अधिकारी-कर्मचारी मोबाईल फोन की बजाय लैंडलाइन फोन का ज्यादा इस्तेमाल करें। ऑफिस टाइम में जरूरी होने पर ही सरकारी कामकाज के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने को कहा गया है। साथ ही मोबाइल पर कम से कम बात करने को कहा गया है। दरअसल प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
शुक्रवार को सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बारे में परिपत्र जारी किया है। सरकार का कहना है कि कई बार सरकारी अधिकारी-कर्मचारी मोबाइल पर बात करते समय अपेक्षित शिष्टाचार का पालन नहीं करते हैं। उनके इस प्रकार के बर्ताव के कारण सरकार की छवि खराब होती है। परिपत्र के अनुसार मोबाइल पर बातचीत करते समय सौजन्यपूर्ण भाषा का इस्तेमाल करना होगा। मोबाइल पर बातचीत धीमी आवाज में करने को कहा गया है। बोलते समय असंसदीय भाषा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
अधिकारियों को कामकाज के दौरान मैसेज का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। मोबाइल व्यस्त होने पर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयीन फोन को तत्काल जवाब देना होगा। उन्हें वरिष्ठ अधिकारी के कक्ष में बैठक के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल टालना होगा। बैठक में मोबाइल को साइलेंट रखना पड़ेगा। सरकारी कामकाज के लिए मोबाइल पर सोशल मीडिया का उपयोग करने के दौरान समय और भाषा पर ध्यान रखना होगा। व्यक्तिगत फोन आने पर कार्यालय के बाहर जाकर बात करना होगा।अधिकारियों को कार्यालयीन कामकाज के लिए दौरे के वक्त मोबाइल फोना बंद रखना मना है।
अधिकारियों को कामकाज के दौरान मैसेज का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। मोबाइल व्यस्त होने पर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयीन फोन को तत्काल जवाब देना होगा। उन्हें वरिष्ठ अधिकारी के कक्ष में बैठक के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल टालना होगा। बैठक में मोबाइल को साइलेंट रखना पड़ेगा। सरकारी कामकाज के लिए मोबाइल पर सोशल मीडिया का उपयोग करने के दौरान समय और भाषा पर ध्यान रखना होगा। व्यक्तिगत फोन आने पर कार्यालय के बाहर जाकर बात करना होगा।अधिकारियों को कार्यालयीन कामकाज के लिए दौरे के वक्त मोबाइल फोना बंद रखना मना है।