मुंबई। कोरोना संकट चर्चित शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी बनर्जी के काम नहीं आ सका। जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों को जमानत दी जा रही है पर सीबीआई अदालत ने इंद्राणी को शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य सूत्रधार बताते हुए कोरोना के कारण जमानत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने में भी मुख्य सूत्रधार थी। मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने इंद्राणी व इसी मामले में आरोपी संजीव खन्ना के अंशकालिक जमानत आवेदन को रद्द करते हुए उपरोक्त टिप्पणी की है। इंद्राणी ने सेहत ठीक न होने के आधार व कोरोना के चलते राज्य की उच्चाधिकार कमेटी के दिशा-निर्देशों के तहत जमानत के देने की मांग की थी। इंद्राणी व खन्ना साल 2015 से जेल में है। शीना बोरा की कथित तौर पर 2012 में हत्या की गई थी जिसका खुलासा तीन साल बाद हुआ था। शीना बोरा इंद्राणी की बेटी थी।
इस मामले में स्टार टीवी के सीईओ रहे पीटर मुखर्जी भी आरोपी हैं। न्यायाधीश एएस सैय्यद ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जेल प्रशासन ने कोरोना काल में कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए है। न्यायाधीश ने कहा कि मुंबई में व जेल में कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है। जेल में कैदियों के उपचार के लिए उचित सुविधा उपलब्ध है। इंद्राणी के स्वास्थ्य पर लगातार डाक्टरों की नजर है। मामले से जुड़े रिकार्ड दर्शाते है कि जेल प्रशासन जेल मैन्युअल के हिसाब से सभी कैदियों को पर्याप्त वैधकीय सेवा उपलब्ध करा रहा है। इस तरह न्यायाधीश ने मामले में इंद्राणी की भूमिका को देखते हुए उसे जमानत के लिए अपात्र ठहरा दिया।