मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कमजोरी ये थी कि वे खुद को ‘शांतिदूत’ मानते थे और उनकी इसी सोच ने देश को लंबे समय के लिए कमजोर कर दिया। राजभवन में करगिल विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोश्यारी ने कहा, ‘‘नेहरू का राष्ट्र और स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान है और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन वह स्वयं को शांतिदूत मानने लगे थे और इसकी कीमत देश को कई सालों तक चुकानी पड़ी। उनकी शांति पहल से भारत को नुकसान हुआ।’’
भाजपा की वाजपेयी सरकार के सत्ता में आने से पहले की सभी सरकारें राष्ट्रीय सुरक्षा के दबाव से निपटने के लिए मजबूत नहीं थीं। “मुझे याद है कि वाजपेयी सरकार ने परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया था लेकिन हम बीस साल पहले ही ये परीक्षण कर सकते थे क्योंकि हमारे वैज्ञानिक तैयार थे। लेकिन तब हमारी सरकारें डरी हुई थीं।”गौरतलब है कि कोश्यारी के इस बयान की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने निंदा की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है।