ठाणे। मानसून के दौरान हरेक साल कोई न कोई गड़बड़ी होने से अक्सर बिजली चली जाया करती है। वह भी बार-बार और घंटों तक। विद्युत विभाग को बस बिल चाहिए समय पर। जनता की परेशानी से उसे कोई वास्ता नहीं। यह तो बात हुई तब की, जब बिजली के बिल की समय पर अदायगी हो रही हो। लेकिन जब किसी वजह से वित्तीय दिक्कत के चलते बिल बकाया रह जाए, तब तो बिजली विभाग अपने फुल फॉर्म में आ जाता है और सारी संवेदना ताक पर रख सीने पर चढ़ बैठ अपनी मनमानी पर उतारू हो जाता है।
बिल्कुल ऐसा ही वाकिया पेश आया ठाणे में। वह भी ऐसी जगह कि मालूम चलते ही आंख से आंसू छलके बगैर नहीं रहेंगे। लेकिन हमेशा सबके सुख-दुख की सरोकारी और न्याय-हक के लिए लड़ने वाली भाजपा के इस प्रकरण में अपने आक्रामक तेवर दिखाते ही ठाकरे सरकार के बिजली विभाग के होश ठिकाने आ गए।
ठाणे में मौजूद सरकारी मेंटल हॉस्पिटल की बिजली के बिल की अदायगी बाकी होने के कारण महावितरण ने यहां की विद्युत आपूर्ति काट दी थी, जिससे इस हाॅस्पिटल में मौजूद मनोरोगियों सहित डाॅक्टर व पूरा स्टाफ अंधकार में रहने को मजबूर था। यह मसला भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायक संजय केलकर तक पहुँचाया। केलकर ने मामले की गंभीरता समझी और फौरन इस बाबत हस्तक्षेप कर ठाकरे सरकार की संवेदनशून्यता पर लानत भेजते हुए मेंटल हॉस्पिटल के पास मोमबत्तियां जला कर आंदोलन किया।
आंदोलन में उनके संग स्थानीय भाजपा पदाधिकारी प्रशांत जाधव समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता व नागरिक शामिल थे। इस दौरान उन्होंने साफ लफ्जों में सरकार को चेतावनी दी कि जब तक लाइट नहीं आएगी, वे यहां से जाएंगे नहीं, यह आंदोलन यूँ ही जारी रहेगा। इससे महावितरण के कान खड़े हो गए। उसे अच्छी तरह समझ में आ गया कि अब उसकी गनीमत नहीं। सो, झट पटरी पर आ उसने मेंटल हॉस्पिटल की लाइट चालू कर दी।