मुंबई। विधायक पराग शाह ने उनके मानदेय देने पर रोक लगाने के लिए मुंबई मनपा सचिव विभाग को पत्र भेजा है। उन्होंने सीएम सहायता कोष में परिवार के निजी खाते से 11 लाख रुपये भी जमा करा दिए हैं। यह कदम उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा किए गए खुलासे के बाद उठाया हैं। हाल ही में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा दायर आरटीआई में उन्हें जानकारी मिली थी कि सांसद मनोज कोटक और विधायक रमेश कोरगांवकर नगरसेवक पद का मानदेय नहीं ले रहे हैं। विधायक रईस शेख, पराग शाह और दिलीप लांडे को रु. 25000/- मानदेय एवं रु. ऐसी चार बैठकों के लिए केवल 150/- भत्ता दिया जाता है।
अनिल गलगली की सूचना के बाद विधायक पराग शाह ने गलगली से संपर्क किया और उन्हें बताया कि वह भविष्य में नगरसेवक पद के लिए कोई मानदेय नहीं लेंगे। उन्होंने इस माह से मानदेय तत्काल बंद करने की मांग करते हुए मनपा सचिव को पत्र भेज दिया है। शाह ने आगे स्पष्ट किया कि जब मैं विधायक बना तो मैं सोच रहा था कि नगरसेवक पद के लिए मेरा मानदेय रोक दिया जाएगा, लेकिन मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह चल रहा है। अनिल गलगली ने इसके लिए पराग शाह को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम की जीत है। सकारात्मक प्रतिक्रिया सफलता का एक निश्चित संकेत है। अब मुंबईकरों की नजरें लगी हुई है कि विधायक रईस शेख और दिलीप लांडे पराग शाह का अनुसरण करेंगे या नहीं।