मुंबई। उनकी जेल में दोस्ती हुई थी। दोस्ती का वास्ता देकर उसने वादा किया था कि अपनी ऊंची पहुँच के जरिए वह उसे जमानत पर रिहा करवा देगा, बस एक बार वह जेल से छूट कर बाहर निकले। लेकिन, पैरोल पर छूट जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने इसी दोस्त की पत्नी को उल्लू बना कर उसकी रिहाई के नाम पर 93 लाख रुपए ठग लिए। विक्रोली पुलिस ने ठगी के इस प्रकरण में सूरज कलव नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है। न्यायालय में पेश किए जाने के बाद उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है।
रिकार्ड शुदा ठग-जालसाज है वह: विक्रोली पुलिस स्टेशन की प्रभारी सीनियर इंस्पेक्टर शुभदा चव्हाण के मुताबिक सूरज रिकार्डशुदा ठग व जालसाज है। उसके खिलाफ ताजा कार्रवाई जेल-मित्र की पत्नी द्वारा दर्ज कराई शिकायत पर की गई है। सूरज इससे पहले भी ठगी के एक अन्य मामले में आर्थर रोड जेल में बंद था। वहीं उसकी मुलाकात विक्रोली (पूर्व) निवासी सुनील आंगणे (58) से हुई थी, जिसे बीते साल क्राइम ब्रांच ने फिरौती वसूली के मामले में पकड़ा था। बाद में उसके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित गुनहगारी अधिनियम कानून (मकोका) के अंतर्गत कार्रवाई कर आर्थर रोड जेल भेज दिया गया।
45 दिन के पैरोल पर हुआ था रिहा: जेल में सूरज कलव की सुनील आंगणे से दोस्ती होने के बाद सुनील को उसने अपनी पहचान ऊपर तक होने की बात बताते हुए आश्वस्त किया था कि बाहर निकलते ही वह उसे जमानत पर छुड़वा देगा। यह जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर चव्हाण ने बताया कि इत्तेफाकन इसी दरमियान सूरज की 45 दिन के पैरोल पर रिहाई हो गई। इससे सुनील के मन में यह बात जम गई कि वाकई उसकी ऊपर तक पहुँच है। सूरज के जेल से बाहर आ जाने के बाद एक रोज जब सुनील आंगणे की पत्नी जेल में उससे मिलने गई थी, तब उसने उसे सूरज कलव के बारे में सब-कुछ बताया और संपर्क कर उसकी मदद से जमानत पर छुड़ाने को कहा।
45 दिन के पैरोल पर हुआ था रिहा: जेल में सूरज कलव की सुनील आंगणे से दोस्ती होने के बाद सुनील को उसने अपनी पहचान ऊपर तक होने की बात बताते हुए आश्वस्त किया था कि बाहर निकलते ही वह उसे जमानत पर छुड़वा देगा। यह जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर चव्हाण ने बताया कि इत्तेफाकन इसी दरमियान सूरज की 45 दिन के पैरोल पर रिहाई हो गई। इससे सुनील के मन में यह बात जम गई कि वाकई उसकी ऊपर तक पहुँच है। सूरज के जेल से बाहर आ जाने के बाद एक रोज जब सुनील आंगणे की पत्नी जेल में उससे मिलने गई थी, तब उसने उसे सूरज कलव के बारे में सब-कुछ बताया और संपर्क कर उसकी मदद से जमानत पर छुड़ाने को कहा।
5 लाख से हुई शुरुआत: लिहाजा, सुनील की पत्नी ने इस बाबत सूरज से संपर्क किया और मिलने विक्रोली बुला लिया। इस दौरान सूरज ने उसे यहां-वहां की चिकनी-चुपड़ी बातों का डोज देते हुए अच्छे से वकील के जरिए सुनील को जमानत पर रिहा कराने की कही और बतौर खर्च इसके लिए उससे 5 लाख रुपए ले लिए।
जज को ‘ मैनेज ‘ करने के लिए 20 लाख: उन्होंने बताया कि मंत्रालय में कार्यरत इस महिला ने अपने पति की जेल से रिहाई के लिए यह धनराशि अपने भाई से कर्ज लेकर जुटाई थी। 5 लाख रुपए लेने के कुछ दिन बाद सूरज ने सुनील की पत्नी को फिर अगली पट्टी पढ़ाई कि मामला काफी उलझा हुआ है, सो बात 5 लाख में नहीं बन रही, इसके लिए जज को भी ‘मैनेज’ करने के लिए कम-से-कम 20 लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी। सुनील की पत्नी की मजबूरी थी। उसने मंत्रालय के बैंक सहित इधर- उधर से कर उसे इस धनराशि का भी इंतजाम कर दिया।
जज को ‘ मैनेज ‘ करने के लिए 20 लाख: उन्होंने बताया कि मंत्रालय में कार्यरत इस महिला ने अपने पति की जेल से रिहाई के लिए यह धनराशि अपने भाई से कर्ज लेकर जुटाई थी। 5 लाख रुपए लेने के कुछ दिन बाद सूरज ने सुनील की पत्नी को फिर अगली पट्टी पढ़ाई कि मामला काफी उलझा हुआ है, सो बात 5 लाख में नहीं बन रही, इसके लिए जज को भी ‘मैनेज’ करने के लिए कम-से-कम 20 लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी। सुनील की पत्नी की मजबूरी थी। उसने मंत्रालय के बैंक सहित इधर- उधर से कर उसे इस धनराशि का भी इंतजाम कर दिया।
पुलिस अफसर बनकर करता था काॅल: सोने का अंडा देने वाली मुर्गी हाथ लग गई थी सूरज को। अब तो इसके बाद वह कभी सीबीआई अफसर, तो कभी घाटकोपर पुलिस स्टेशन, आजाद मैदान पुलिस स्टेशन का अफसर बनकर काॅल करता और ‘ तुम्हारे पति समेत तुम्हारी भी जांच-पड़ताल करनी है ‘ कहकर उसमें लगातार खौफ भरता रहा और इस तरह उसने अलग-अलग अफसर के नाम पर करीब 93 लाख 17 हजार रुपए ऐंठ लिए। बावजूद इसके अपने पति की जमानत न हो पा रही होने पर अंततः सुनील की पत्नी को जब पक्का यकीन हो गया कि उसके संग ठगी हुई है, तब जाकर उसने इस संबंध में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई।