मुंबई। महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की तुलना चीफ मिनिस्टर से करने वाले राज्य के मंत्री नवाब मालिक को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया है। राज्य विधान परिषद में विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर ने इस बेहूदगी पर मलिक की कानखिंचाई करते हुए उन्हें समझाया है कि गवर्नर सीएम नहीं हैं,पर सीएम से ऊपर हैं। क्या उन्हें इतना भी नहीं पता कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य का संवैधानिक प्रमुख गवर्नर होता है।
सीएम से ऊपर हैं गवर्नर
नवाब मलिक ने गवर्नर के विभिन्न जिलों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करने व राहत प्रदान कर उनके हालात का जायजा लेने पर असंतोष जताते हुए कैबिनेट की मीटिंग में कहा था कि राज्यपाल मुख्यमंत्री नहीं है और उन्हें यह सब हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मलिक के इसी बचकाना बयान पर विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उनकी आलोचना की है।
राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं वे
कैबिनेट बैठक में 5 अगस्त से गवर्नर के नांदेड़, हिंगोली और परभणी जिलों के दौरे पर जा रहे होने की रूपरेखा पर भी असंतोष व्यक्त किया गया, जिस पर प्रवीण दारेकर ने कहा कि संविधान में हासिल गवर्नर के अधिकारों के तहत राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में,ही उनका बाढ़पीड़ित क्षेत्रों का दौरा है, सो इस पर राजनीतिक बयान देने की कोई आवश्यकता नहीं है। दरेकर ने कहा कि गवर्नर चाहें तो जिले की देखभाल के लिए समीक्षा बैठक भी कर सकते हैं। वैसे, गवर्नर नांदेड़ में विश्वविद्यालय के समारोह में शामिल होने जा रहे हैं। फिर वह नांदेड़ विश्वविद्यालय हो या कोई अन्य विश्वविद्यालय, वे सभी गवर्नर के अधिकार के दायरे में आते हैं।