मुंबई। एस.टी.महामंडल की पुरानी व जर्जर बसों की जगह जल्द ही नई बसें सड़क पर दौड़ती नजर आएंगी। महामंडल की बसों के बेड़े में उसकी मालिकाना 700 सहित 500 और निजी यानी कुल 1200 बसें शामिल होंगी। इन निजी 500 बसों के लिए ई-निविदा प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी। महामंडल के घाटे में होने के बावजूद प्रशासन के बस लेने की इस योजना का एस.टी.संगठनों ने ही विरोध किया है, जबकि कोरोना काल में एस.टी.महामंडल की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। लिहाजा,पट्टे पर बस लेने की इस योजना का ‘ शुद्ध कचरा ‘ कह कर आलोचना की जा रही है।
योजना पर सवालिया निशान: एक तरफ जहां एस.टी. कर्मचारियों में अब भी समय पर वेतन नहीं मिलने से नाराजगी व्याप्त है, वहीं इस योजना पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा जा रहा है कि लीज के आधार पर इतनी बसें लेकर यह बर्बादी क्यों की जा रही है। फिलवक्त एस.टी. महामंडल के पास 16,500 बसों का बेड़ा है, जिसमें सादा बसें, सेमी-लक्जरी, खुद की मालिकाना और लीज पर ली गईं शिवशाही, शिवनेरी, अश्वमेध बसों का समावेश है।
7 मंडलों में 8 साल चलेंगी ये सादा बसें: महामंडल के प्रबंध निदेशक शेखर चन्ने के मुताबिक प्रशासन ने अब प्रदेश के 7 मंडलों के लिए 8 साल को सादा बसें किराए पर लेने का फैसला किया है, जिसके लिए अब टेंडर निकालने की तैयारी की जा रही है। इसलिए एस.टी.महामंडल ने अब 17 अगस्त को टेंडर के लिए बैठक आयोजित की है।