30 C
Mumbai
Saturday, September 21, 2024
होमन्यूज़ अपडेटबीते 50 बरसों में महाराष्ट्र में बाढ़ की घटनाएं, इस कदर बढ़ीं,जानिए...

बीते 50 बरसों में महाराष्ट्र में बाढ़ की घटनाएं, इस कदर बढ़ीं,जानिए कैसे?

Google News Follow

Related

मुंबई। जुलाई माह के मध्य से ही देश भर के महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में हो रही प्रलयंकारी बारिश ने कई सूबों में तो हालात बद से बदतर कर दिए हैं, जहाँ बारिश के इस कहर से जान-माल की भारी तबाही हुई है। काउंसिल ऑन एनर्जी-एन्वायरॉनमेंट एंड वॉटर के विश्लेषण के मुताबिक बीते 50 वर्षों के भीतर महाराष्ट्र में बारंबार बाढ़ आने की घटनाओं में बेतहाशा इजाफा हुआ है। मौजूदा वक्त भी राज्य में 10.23 मिलियन से ज्यादा लोग इस आपदा का सामना कर रहे हैं।

अकेले मुंबई में मामले हुए तिगुना: काउंसिल ऑन एनर्जी-एन्वायरॉनमेंट एंड वॉटर के अनुसार,इस दरमियान बाढ़ के लिहाज से महाराष्ट्र के तीन जिले मुंबई, ठाणे और रत्नागिरी सर्वाधिक हॉट स्पॉट साबित हुए हैं। महाराष्ट्र में बाढ़ के मामले 6 गुना बढ़े हैं, जिसमें अकेले मुंबई में बाढ़ के मामले 3 गुना हो गए हैं। बीते 10 वर्षों के भीतर सोलापुर, सातारा, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में भी लगातार तूफान व चक्रवाती तूफान आने की तादाद में बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले पचास वर्षों में, गोवा राज्य में बाढ़ की घटनाओं में चार गुना वृद्धि हुई है। गोवा का उत्तरी हिस्सा तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है,जबकि दक्षिणी हिस्सा कम।
सक्षम बुनियादी ढांचे-उद्योगों-समुदायों को जुटाना जरूरी: मौसम विज्ञानी अविनाश मोहंती का मानना है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सक्षम बुनियादी ढांचे, उद्योगों और समुदायों को जुटाने की जरूरत है। लगातार प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन से तटीय जैव विविधता को खतरा है। इसके जरिए कंटीले और थिसल जैसे प्राकृतिक तत्वों को बहाल किए जाने से वह जलवायु में सूक्ष्म परिवर्तन को रोकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि वे बाढ़ और तूफान जैसे संकटों की गंभीरता को कम करने में भी मदद करते हैं।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,378फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें