मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार 8 अगस्त को फेसबुक लाइव के जरिए राज्य की जनता से किए संवाद में मराठा आरक्षण, राज्य में बरपे कुदरती कहर सहित कोविड के हालात आदि बातों का उल्लेख करते हुए आम लोगों के लिए लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति के फैसले को छोड़ अन्य किसी भी ठोस मुद्दे पर घोषणा नहीं की।
मराठा आरक्षण पर पल्लाझाड़ू भूमिका
मराठा समुदाय को आरक्षण देने के संदर्भ में शुरुआत में ठाकरे सरकार ने सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के पाले में धकेल दी थी। लेकिन अब केंद्र सरकार जब आरक्षण संबंधी अधिकार राज्य सरकार को दिए जाने को राजी है, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फिर एक बार, ‘ केवल अधिकार देने से कुछ भी नहीं होगा, केंद्र सरकार 50 % की सीमा की हटाए ‘ कहते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर इस मुद्दे को केंद्र की तरफ मोड़ने का प्रयास किया है।
बाढ़पीड़ितों की फौरी मदद का मुद्दा टाला
मुख्यमंत्री ने जनता से किए संवाद में महाराष्ट्र की कोंकणपट्टी में लगातार पेश आने वाले कुदरती संकट का उल्लेख किया, सरकार के मदद दिए जाने को भी रेखांकित किया,पर इस दौरान फौरी मदद कितनी की, इस बारे में जिक्र करना वे टाल गए। कोविड की आशंकित तीसरी के आने पर उससे निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तैयारी होने की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य प्रबंधन में आवश्यक सुधार किए गए हैं। इस दौरान उन्होंने इस बारे में आंकड़े भी बताए।
होटल-मंदिर आदि पर निर्णय टास्क फोर्स की बैठक में
मुख्यमंत्री के इस समूचे फेसबुक लाइव का यदि कोई सबसे अहम निर्णय रहा, तो वह था – आम यात्रियों के लिए मुंबई की लोकल ट्रेने शुरू किए जाने का। वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके आम नागरिकों को 15 अगस्त से लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति प्रदान की गई है। इसके लिए उन्हें सरकार के एक ऐप पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इन पंजीकृत नागरिकों को लोकल ट्रेन का पास दिया जाएगा। इसके अलावा जिनके पास मोबाइल फोन नहीं हैं, उनके लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा भी रहेगी। साथ ही, उन्होंने इस दौरान होटल, मंदिर आदि के संदर्भ में टास्क फोर्स की बैठक में निर्णय लिए जाने की बात कही।
रोक नहीं पाए खुद को लोकप्रिय सीएम जताने का मोह
इस सब के बीच, वे कितने लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं, यह जताने का अपना मोह रोक नहीं पाए। उन्होंने एक सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि मैं कितना लोकप्रिय मुख्यमंत्री हूँ और इसका श्रेय महाराष्ट्र की जनता को दिया। जनता से अपने संवाद का समापन मुख्यमंत्री ने लोकमान्य टिलक की शैली में ‘ कोविड से मुक्ति पाना मेरा जन्मसिद्ध है और मैं उसे पाकर ही रहूंगा ‘ कहते हुए किया।