मुंबई। महानगर को झोपड़ा मुक्त करने के लिए वर्षों पहले शुरु की गई झोपडपट्टी पुनर्वसन परियोजना (एसआरए) के सैकड़ों प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। अब राज्य सरकार ने फैसले किया है कि लंबे समय से अटकी एसआरए परियोजनाओं को अब सरकार खुद पूरा करेगी। शहर में ऐसी करीब 500 परियोजनाएं हैं। राज्य के गृह निर्माण मंत्री डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कई वर्षों से रूकी पड़ी तकरीबन 500 परियोजनों को अपने कब्जे में लेकर झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) उनका विकास करेगा।
मंत्री ने कहा कि कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) देखकर डेवलपर्स को भुगतान किया है। वास्तव में एलओआई देखने के बाद वित्तीय संस्थानों को एसआरए से संपर्क करने की जरूरत थी, इसके बाद पैसे देने थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एसआरए परियोजनाओं में करोड़ों रुपए का निवेश किया गया है, लेकिन डेवलपर्स ने एलओआई के आगे कुछ भी काम नहीं किया है। ऐसे में लंबे समय से रुकी तकरीबन 500 परियोजनाओं को कब्जे में लेकर एसआरए उनका विकास करेगा।
उन्होंने कहा कि झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना में एलओआई प्राप्त होने से डेवलपर्स जमीन का मालिक नहीं बन जाता। झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के तहत कई परियोजनाएं बंद होने से हजारों की संख्या में झुग्गीवासी सड़कों पर हैं, उन्हें कई वर्षों से किराया भी नहीं मिल रहा है। इसके लिए सरकार की मंशा है कि लंबित परियोजनाओं को अपने हाथ में ले लिया जाए और एसआरए उनका विकास कर गरीबों को घर मुहैया कराए। शिवशाही पुनर्वास परियोजना के तहत बंद पड़ी परियोजनाओं को उचित उपाय करके पुनर्वास की इमारतों को बनाने का निर्णय एसआरए ने लिया है। यह निर्णय म्हाडा पर भी लागू होगा।