मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मौजूद ऑटोमैटिक बैग-पट्टे पर एक नन्हें बच्चे के चढ़ जाने से भारी खलबली मच गई। इस बैग-पट्टे की संकरी जगह में फंस कर हादसा होने की शत-प्रतिशत आशंका के चलते घटनास्थल पर उपस्थित सभी की जान सूख गई थी, तभी अचानक ऐसा क्या हुआ कि यह बच्चा सकुशल बच गया, उसे खरोंच तक नहीं आई। …जानिए –
… तो मलीदा बन जाता उसका
इस ऑटोमैटिक बैग-पट्टे को कहा जाता है रिक्लेमर बेल्ट। प्लेन से उतरकर बाहर आने के बाद यात्री साजोसामान से भरे अपने बैग रिक्लेमर बेल्ट के सहारे ले लेता है। हुआ यूँ कि अपने 4 साल के बच्चे के साथ उदयपुर से मुंबई आया एक परिवार के एयरपोर्ट पर प्लेन से उतरा। बच्चे के अभिभावक अपने काम में मशगूल थे, तभी अचानक वह धींगामस्ती करता हुआ रिक्लेमर बेल्ट पर जा चढ़ा। उस समय यह बेल्ट यात्रियों का सामान लिए अपनी पूरी रफ्तार से घूम रहा था। होता इसमें यह है कि यह बेल्ट घूमते हुए एक छोटे-संकरे केबिन में जाता है, फिर वहां से बाहर आता है। वह बच्चा जहां से बेल्ट पर चढ़ा, वह हिस्सा संकरे केबिन के बिलकुल समीप था। अगले कुछ ही सेकेंड के भीतर इस बच्चे के उस केबिन में पहुंचकर मलीदा बन जाने की पूरी नौबत थी।
जाको राखे साइयां…
लेकिन कहते हैं ना, कि जब तक किसी की आती नहीं, वह जा ही नहीं सकता। कोई जिंदगी से आजिज आ मौत माँगता है, उसे मिलती नहीं। तो कोई काल के गाल से साफ बच कर निकल आता है। इस नन्हें बच्चे संग भी यही हुआ। इस बेल्ट के ऑपरेटर का फौरन बच्चे की हरकत पर ध्यान पड़ गया और उसी की सतर्कता के चलते उसकी जान बच गई।
फौरी सतर्कता काम आई
दरअसल, बच्चे की इस हरकत के बाद एयरपोर्ट पर आगमन वाले परिसर में यात्रियों के बीच हड़कंप मच गया था।मामला ही ऐसा था। तब इस बेल्ट ऑपरेटर की ड्यूटी पर नीरज निंबालकर नामक कर्मी मौजूद था। इस ओर ध्यान जाते ही झट उसने बेल्ट बंद कर दिया और तुरंत इमर्जेंसी स्कवॉयड को कॉल कर दिया। अंततः स्कवॉयड ने आकर इस बच्चे को बेल्ट से सकुशल नीचे उतारा और उसके अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया।