– राज सोनी-/ठाणे
मुंबई। बहुचर्चित शक्ति मिल कंपाउंड गैंगरेप मामले में नाबालिग आरोपी आकाश जाधव उर्फ गोट्या के खिलाफ ताड़देव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। गोट्या के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों ने दर्जन भर का आंकड़ा पूरा कर लिया है। उस पर हत्या, रंगदारी और हत्या के प्रयास के ये मामले अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में दर्ज हैं। उसने इन वारदात को बाकायदा अपनी बनाई गैंग के जरिए अंजाम दिया है और यह गैंग महज कुछ ही बरसों के भीतर अपने कारनामों से खासा कुख्यात हो गई है। छोटी-मोटी हफ्ताउगाही करने वाले गोट्या की गैंग अब लाखों रुपए की फिरौती वसूल रही है, इससे मुंबई पुलिस का सिरदर्द बढ़ गया है।
अटेंप टू मर्डर केस में उछला नाम
गोट्या के खिलाफ ताजा मामला ताड़देव के वडाला इलाके का है। विघ्नहर्ता पुनर्वास प्रोजेक्ट को लेकर यहां हुए विवाद में उसकी गैंग के गुर्गों ने एक इवेंट मैनेजर की हत्या की सुपारी ली थी और उस इवेंट मैनेजर पर कातिलाना हमला भी किया, जिसमें बच निकलने के बाद इवेंट मैनेजर ने गोट्या व उसके सहयोगियों के खिलाफ ताड़देव पुलिस स्टेशन में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में नामजद सभी आरोपी फरार हैं। उनकी तलाश जारी है।
जेल से रिहाई के बाद फैलाया आतंक
वर्ष 2013 में हुए सनसनीखेज शक्ति मिल सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी आकाश उर्फ गोट्या जाधव को बाल न्यायालय ने 3 साल कैद की सजा सुनाई थी। जेल से सजा काटकर रिहा हुआ गोट्या सुधरने की बजाय अब कुख्यात अपराधी बन चुका है। दरअसल, जेल से सजा काटकर आने के बाद उसका खौफ बढ़ गया था, जिसका इस्तेमाल उसने बतौर क्रिमिनल अपना कद और बढ़ाने में किया। वह बिलकुल बेधड़क होकर दुकानदारों से हफ्ताउगाही, मारपीट, लूट जैसी वारदात को अंजाम देने में संलिप्त हो गया। गोट्या के इन कारनामों की बदौलत 2017 में उसके खिलाफ अग्रीपाड़ा और एन.एम.जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में 5 संगीन मामले दर्ज किए गए। इस सिलसिले में उसे गिरफ्तार भी किया गया था। जमानत पर रिहा होने के बाद उसके आतंक में और इजाफा हो गया। इस वजह से डर के मारे कोई भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत नहीं बटोर पा रहा था।
तड़ीपारी के दरमियान भी दिया वारदात को अंजाम
अंततः पुलिस ने इस दिशा में युक्ति भिड़ाते हुए उसे 2 साल के लिए मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे से तड़ीपार कर दिया। पर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। तड़ीपारी के दरमियान भी उसने मुंबई में अपनी आपराधिक गतिविधियां जारी रखीं, जिसके चलते उस पर अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 2 और संगीन मामले दर्ज हुए। तीसरा मामला आरएके पुलिस स्टेशन में मर्डर का दर्ज हुआ। असल में गोट्या अपने परिवार समेत पहले अग्रीपाड़ा इलाके में रहता था। यहां एसआरए का काम शुरू होने के बाद वे लोग भांडुप रहने आ गए। फिर, गोट्या की आए दिन की हरकतों से तंग कर उसके परिवारजन आखिरकार डोंबिवली रहने पहुँच गए।
मर गया है उसके भीतर का डर
अग्रीपाड़ा इलाके में पले-बढ़े आकाश उर्फ गोट्या का नाम सुर्खियों में आया शक्ति मिल के गैंगरेप मामले से। इस मामले में जेल से रिहाई के बाद उसने खुद की गैंग बना कर अग्रीपाड़ा, डिलाइल रोड आदि परिसरों में आपराधिक वारदात को अंजाम देते हुए अपने आतंक की इमारत खड़ी की। 31 जुलाई 2013 को महालक्ष्मी में मौजूद बंद पड़ी शक्ति मिल के निर्जन परिसर में एक महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ हुए सामूहिक बलात्कार कांड में अन्य आरोपियों के साथ गोट्या का भी समावेश था। इस मामले में गिरफ्तारी के दौरान वह 17 साल का था। लिहाजा, उस पर बाल न्यायालय में मुकदमा चला था। गैंगरेप के इस मामले में अन्य 5 आरोपियों को सेशन कोर्ट ने 20 मार्च 2014 को दोषी ठहराया था, जिनमें से 3 को 4 अप्रैल 2014 को सजा-ए-मौत और 2 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। गोट्या को जुवेनाइल कोर्ट ने 3 साल की कैद की सजा सुनाई थी और उसे नासिक के चिल्ड्रन रिमांड होम भेज दिया था। 2017 में गोट्या 3 साल की सजा काट कर जब जेल से छूटकर बाहर आया, तो फिर गैंगस्टर ही बन गया।