मुंबई। विशेष पोस्को कोर्ट ने एक 12 साल की बच्ची का पीछा करके उसे आँख मार 100 रुपए की नोट दिखा कर अपने साथ बुलाने के प्रकरण में 28 वर्षीय युवक को 4 साल की जेल की सजा सुनाई है। उसे 2017 में देवनार पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था और उसे मजिस्ट्रेट कस्टडी में रखा गया था।
कई दिन से घात लगाए था
इस बच्ची की मां ने 6 मार्च 2017 को इस बाबत देवनार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पुलिस को बताया था कि उस रोज उसकी बच्ची दूध लाने के लिए घर से बाहर निकली थी। अभियुक्त युवक ने उसका पीछा किया, फिर आँख मार कर 100 रुपए की नोट दिखाते हुए अपने साथ आने के लिए कहा। बच्ची इससे घबरा भाग कर अपने घर लौट आई और उसने सारी बात उसे बताई। बच्ची की मां ने यह बात अपने पति को बताते हुए यह जानकारी भी दी कि इससे पूर्व भी यह युवक उसका पीछा किया करता था।
कस्टडी में ही गुजर गई सजा की अवधि
बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मजदूरी करने वाले इस युवक को गिरफ्तार कर पोस्को कोर्ट में पेश किया। चूँकि, मामला नाबालिग बच्ची का था, सो उसे संगीन के दायरे में रख अभियुक्त को मजिस्ट्रेट कस्टडी में भेज दिया गया और अदालत में मुकदमा जारी रहा। इस दरमियान अभियुक्त के बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य पेश कर यह साबित नहीं किया जा सका कि पीड़ित बच्ची किसी के कहे में आकर झूठ बोल रही है अथवा उसके परिवारजनों से उसकी पूर्वरंजिश होने की वजह से इस प्रकरण में जबरन फंसाया जा रहा है। इसलिए पीड़िता बच्ची पर अविश्वास जताते का कोई भी कारण न पाते हुए अदालत ने इस युवक को शीलभंग किए जाने का दोषी ठहराया। जज सीमा जाधव ने अभियुक्त को इस प्रकरण में धारा 354 डी व 509 के अंतर्गत 4 साल 3 दिन की जेल की सजा सुनाई। मुकदमा अदालत में चल रहा होने के दौरान 4 साल की सजा वह मजिस्ट्रेट कस्टडी में काट ही चुका है।