26 C
Mumbai
Wednesday, September 25, 2024
होमन्यूज़ अपडेटCM को गडकरी के लिखे पत्र को लेकर भास्कर जाधव ने क्यों...

CM को गडकरी के लिखे पत्र को लेकर भास्कर जाधव ने क्यों अड़ाई फटे में टांग, जानें पूरा मामला

Google News Follow

Related

मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र को लेकर इन दिनों सियासी गलियारे में खासा सरगर्मी छाई हुई है। इस पत्र पर शिवसेना में कुछ ज्यादा ही ऐतराज जताया जाता दिख रहा है। अपनी नित-नई करतूतों से विवादों में बने रहने वाले शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने इस प्रकरण को लेकर नितिन गडकरी पर सवाल उठाया है कि उन्हें उद्धव ठाकरे से फोन पर बात कर लेना चाहिए था, पत्र लिखने की क्या जरूरत थी ?

 मौका मिला नहीं कि शिवसेना को ठोक दो!  शिवसेना नेता एवं गुहागर के विधायक भास्कर जाधव को इस बात की भी चिंता खाए जा रही है कि गडकरी के लिखे इस पत्र की कॉपी आखिर मीडिया तक कैसे पहुंची ?  शिवसैनिकों से यदि शिकायत है, तो गडकरी को इसका रास्ता निकालना चाहिए था। यह क्या, मौका मिला नहीं कि शिवसेना को ठोक दो !
भूले नहीं हैं लोग जाधव की वह बदतमीजी: गौरतलब है कि चिपलून में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बाढ़पीड़ितों से मुलाकात के दौरान भास्कर जाधव ने की स्थानीयों से बदतमीजी की अत्यंत शर्मनाक को लेकर समूचे महाराष्ट्र में जबर्दस्त आक्रोश की लहर उमड़ी थी। इससे पूर्व शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था, जो मंत्रालय से मीडिया तक जा पहुंचा था। इसी तरह, शरद पवार ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र के मीडिया तक पहुँच गए होने का मामला सामने आया था।  लेकिन, तब भास्कर जाधव ने यह मुद्दा नहीं उठाया।
अड़चन में फंसे शिवसेना नेता-कार्यकर्ता: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे यह शिकायत की थी कि शिवसेना के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता हाइवे के चल रहे कामकाज में व्यवधान पैदा करते हैं। इससे शिवसेना नेता व उनके कार्यकर्ता अब अड़चन में फंस गए हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे संबंधित मामले में तुरंत जांच के आदेश दे दिए।
 क्यों खौल रहा है पेट ?: मुख्यमंत्री ठाकरे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी में काफी अच्छे संबंध हैं। दोनों एक-दूसरे की भावनाओं का बहुत आदर करते हैं। गडकरी उद्धव ठाकरे को पत्र लिख सकते हैं, यह उनका अधिकार है।  इतना सब होते हुए भी भास्कर जाधव का पेट क्यों खौल रहा है, पता नहीं ?
संवाद के लिए पत्र लिखें या करें फोन ?: पश्चिम बंगाल में चुनाव के दरमियान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था, पर प्रचारकार्य में व्यस्तता के चलते उनकी उनसे बात नहीं हो पाई थी, जिसकी खबर मीडिया तक जा पहुंची थी। कुल मिलाकर, संवाद साधने के लिए पत्र लिखें या फोन पर बात करें, अब यही मुद्दा खासा चर्चा के केंद्र में है।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,374फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें