मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे एवं केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगमंत्री नारायण राणे की मुंबई से जन आशीर्वाद यात्रा शुरू होने से पूर्व शिवसेना सत्तासीन मुंबई मनपा द्वारा शिवाजी पार्क, माहिम आदि क्षेत्रों में लगे उनके बैनर हटा दिए जाने से एक बार फिर शिवसेना की द्वेषपूर्ण राजनीति की बू चारों तरफ फैल रही है। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने शिवसेना के इस रवैए की कड़ी आलोचना की है।
शिवसेना की द्वेषपूर्ण राजनीति की बू
मुंबई में जन आशीर्वाद यात्रा के शुभारंभ के लिए नारायण राणे के सुबह 10 बजे एयरपोर्ट पहुंचने के बाद शिवसेना के गढ़ माने जाने वाले शिवाजी पार्क में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को वंदन कर इसी परिसर में वृक्षारोपण करने के मद्देनजर यहां आसपास के क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं ने उनके बैनर लगाए थे। लेकिन जब नीतेश व नीलेश राणे मुंबई एयरपोर्ट पर नारायण राणे के आगमन की तैयारियों का जायजा लेने भाजपा नेता प्रमोद जठार व कालिदास कोलंबकर के साथ पहुंचे, तो देखा गया कि नारायण राणे के बैनर गायब थे, इससे फौरन शिवसेना की द्वेषपूर्ण राजनीति की बू आ गई।
2024 में देखेंगे कौन-कितने पानी में
शिवसेना के इस रवैए से आक्रोशित भाजपा नेता प्रमोद जठार का कहना है कि बालासाहेब ठाकरे पार्टी के नेता नहीं, बल्कि समूचे राष्ट्र के नेता हैं। ठाकरे परिवार ने बालासाहेब के स्मारक पर कभी राणे के आने का विरोध नहीं किया, इसलिए शिवसेना के अन्य नेताओं को भी इस संबंध में संयम बरतना चाहिए। बाकी रही सियासी चुनौती की बात, तो हम 2024 में देख ही लेंगे कि कौन कितने पानी में है?