मुंबई। महाराष्ट्र में फ़िलहाल कोरोना केसों में कमी देखी जा रही है। तीसरी लहर की आशंका के बीच खबर है कि मुंबई महानगरपालिका ने कोरोना संक्रमण से लड़ने में 2000 करोड़ रूपये खर्च कर डाले हैं। बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर आई थी। तबसे ले कर जुलाई 2021 तक बीएमसी 2000 करोड़ खर्च किये हैं। पालिका अधिकारियों के अनुसार हर महीने कोविड नियंत्रण के लिए 200 करोड़ रुपए की जरूरत है।
कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 में आई. बीएमसी ने 14 जंबो कोविड सेंटर और कोरोना केयर सेंटर तैयार करवाए। इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों की भर्ती, चिकित्सा संबंधी उपकरणों की खरीद, अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों से संबंधित होटलों का खर्च, कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में खाने-पीने के सामानों की सप्लाई जैसे कामों में महापालिका ने 1600 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके अलावा मास्क खरीदने, ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने, दवाइयों की खरीद वगैरह को मिलाकर महापालिका ने 2000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मार्च 2020 से मुंबई में कोरोना संक्रमण बढ़ना शुरू हुआ।
ऐसे में अब तक आकस्मिक निधि से 1632.64 करोड़ रुपए खर्च किए गए। बाकी 400 करोड़ रुपए खर्च करने के लिए मार्च 2021 में मंजूरी ली गई। पालिका प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हर महीने कोविड नियंत्रण के लिए 200 करोड़ रुपए की जरूरत है। जम्बो कोविड सेंटर, कोरोना केयर सेंटर अब तक तैयार हो चुके हैं। अब सिर्फ़ इनकी देखभाल और रखरखाव की ज़रूरत है। इसलिए अब कोरोना खर्चे में बढ़ोत्तरी की संभावना नहीं है ऐसा पालिका अधिकारियों का कहना है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुंबई में ऑक्सीजन की कमी का संकट सामने आया था। इसके बाद बीएमसी ने खुद ऑक्सीजन बनाने का फैसला किया है। महापालिका कुल 12 अस्पतालों में ऑक्सीजन बनाने के प्लांट तैयार करवा रही है। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडरों की खरीद की जा रही है।