मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल खासा गर्म हो गया है। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और जनभावना के अनुसार शिवसेना पर नारायण राणे का प्रतिशोधी होने का आरोप है। हालांकि राणे की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने कोई कानूनी कार्रवाई तो नहीं की, लेकिन इस गिरफ्तारी को लेकर अब शिवसेना नेता व महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। आम जनता में परब के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उन्हें फौरन गिरफ्तार किए जाने की आवाज लगातार तेज होती जा रही है।
परब ने बनाया पुलिस पर दबाव
अनिल परब पर पुलिस महकमे पर दबाव बनाने का आरोप है। इससे भाजपा आक्रामक हो गई है। भाजपा नेता एवं विधायक अतुल भातखलकर ने इस मामले में अनिल परब के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। भातखलकर ने अनिल परब पर प्रशासनिक कार्यों में दखल देने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश प्रसारित कर इस बारे में शिकायत की जानकारी देते हुए कहा है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के मामले में रत्नागिरी के पालक मंत्री एवं राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने खुलेआम रत्नागिरी के एसपी को फोन कर उन पर दबाव बनाया। अर्नेश कुमार के फैसले के मुताबिक जिस प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था, उसका पालन नहीं किया गया. कानून सहित मंत्री पद का दुरुपयोग किया गया, मंत्री रहते हुए परब ने प्रशासनिक कार्य में हस्तक्षेप किया।
लगातार पालकमंत्री के संपर्क में थी पुलिस
अनिल परब का एक वीडियो मंगलवार को तब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ,जब नारायण राणे संगमेश्वर में थे और रत्नागिरी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए मौके पर पहुंच गई, चूंकि इस दरमियान पुलिस से गिरफ्तारी वारंट की मांग की गई थी। लेकिन पुलिस के पास ऐसा कोई वारंट नहीं था। शायद तब पुलिस ने अनिल परब को कॉल किया होगा, क्योंकि अनिल परब की उस तरह की बातचीत का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में अनिल परब फोन पर बोल रहे हैं, ‘आप लोग क्या कर रहे हैं ? पकड़ा या नहीं ? आप लोगों को यही करना है ! … वे किस तरह का ऑर्डर चाहते हैं ? हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट ने तो जमानत खारिज कर दी है। आप कंट्रोल करने के लिए थोड़ा पुलिस बल का प्रयोग करें !’