मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की टिप्पणी के बाद उपद्रव मचाकर गड़बड़ी फैलाने की करतूत करने वाले शिवसेना युवा सेना नेता वरुण सरदेसाई ने अब संस्कार का ककहरा सिखाना शुरू कर दिया है।
लोगों में भारी हैरत
सरदेसाई ने एक कार्यक्रम में भाजपा को संस्कृति का पाठ पढ़ाने का दुस्साहस किया है। नारायण राणे के बयान के विरोध में वरुण सरदेसाई के नेतृत्व में मुंबई में रैली के नाम पर मचाए उपद्रव के दौरान सरदेसाई के साथ मौजूद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा था, तब पुलिस को मां-बहन की गालियां बकते हुए सरदेसाई का वीडियो भी वायरल हुआ है। वही वरुण सरदेसाई अब संस्कार का पाठ पढ़ा रहे हैं, इस पर लोगों में भारी हैरत जताई जा रही है।
दिखा ही दिया पांडित्य!
कार्यक्रम में उन्होंने पूछा था कि क्या रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में यही संस्कार मिलते हैं? इसे लेकर भी आम जनता के बीच यही चर्चा जारी है कि बीते दो दिनों में वरुण सरदेसाई ने संस्कार पर अपना पांडित्य दिखा ही दिया है !
पाबंदी का उल्लंघन कर बुलाई बैठक
वही वरुण सरदेसाई द्वारा शिवसेना के नेतृत्व वाली ठाकरे सरकार के लगाए गए कोरोना प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए युवा सेना की बैठक बुलाए जाने की भी जमकर आलोचना हो रही है। आम जनता सीधे सवाल उठा रही है कि खुद संस्कारों की परवाह न करने वाले आखिर क्यों संस्कारों की सीख देते फिर रहे हैं?
गलती की आत्म-स्वीकृति
कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘ हम सत्ता में हैं, रोजाना तलवारें नहीं खींची जा सकतीं, इसलिए जुबान के जरिए आक्रामकता व्यक्त कर रहे हैं।’ क्या उनका यह कहना अपने ‘ आक्रामक ‘ आंदोलन के गलत होने की आत्म-स्वीकृति नहीं, लोगों में इस बाबत भी खासा चर्चा है।